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संतान सप्तमी पर इसलिए पहनी जाती है चांदी की चूड़ी, पर्व पर बढ़ी चांदी की मांग

संतान सप्तमी पर इसलिए पहनी जाती है चांदी की चूड़ी, पर्व पर बढ़ी चांदी की मांग  

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Santan Saptami

Santan Saptami

जबलपुर. संतान की दीर्घायु की कामना के लिए माताओं द्वारा रखा जाने वाला व्रत संतान सप्तमी इस बार 22 सितम्बर को होगा। इस दिन माताएं भगवान का पूजन वंदन कर चांदी की चूडिय़ां धारण करती हैं। इसलिए हर साल चांदी की नई चूड़ी खरीदने की परंपरा है। इस साल चांदी महंगी होने के बावजूद चूडिय़ों की बिक्री में कोई कमी नहीं आई है। जानकारी अनुसार जिले में संतान सप्तमी पर कई विंवटल चांदी फाइन बिक जाती है।

छह महीने में 10 हजार महंगी हुई चांदी

सराफा व्यापारी ऋषि सराफ ने बताया शनिवार को जबलपुर में चांदी फाइन 74 हजार 800 और चांदी ज्वेलरी 73 हजार 800 रुपए बिकी है। वहीं सवा तोला की चूड़ी का रेट 1050 रुपए रहा। चांदी के दामों में पिछले छह महीने में 10 हजार रुपए से ज्यादा महंगी हुई है। जो चांदी 64 हजार रुपए के आसपास थी वो अब 74 हजार रुपए से ज्यादा पर पहुंच गई है। इसके बावजूद चांदी की खरीदी में कोई कमी नहीं आई है। लोग परंपरा निर्वहन करते हुए चांदी व सोना को इन्वेस्टमेंट के तौर पर खरीदते रहे हैं। यह चलन अब भी बरकरार है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अकेले संतान सप्तमी पर जिले में करीब तीन ङ्क्षक्वटल चांदी की चूडिय़ां व अन्य गहने बिक जाते हैं। शनिवार को सोने का भाव 60 हजार 900 रुपए फाइन तथा 55 हजार 900 रुपए ज्वेलरी प्रति दस ग्राम रहा।

चूड़ी का महत्व

ज्योतिषाचार्य सचिनदेव के अनुसार ऐसी मान्यता है कि चांदी की चूड़ी भगवान शिव और माता को अर्पित करने के बाद पहनने से संतान दीर्घायु होता है, साथ संतान सुख में वृद्धि भी होती है। शास्त्रों के अनुसार रक्षा सूत्र में सात गांठों वाला गंडा बनाकर धारण करने का उल्लेख है, चूंकि इसके अगले वर्ष की संतान सप्तमी तक धारण करना होता है। ऐसे में रक्षा सूत्र कच्चा होता है,जो साल भर नहीं रह पाता है, इसलिए उसके बदले में सात धारी युक्त चूड़ी को धारण किया जाता है। यह परंपरा युगों से चली आ रही है। इसके अलावा चांदी को मन का कारक और शांति का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने वाले को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी नहीं होती हैं।