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जाति विवाद पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बोले अब माफी से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा

- भागवद गीता में पढ़ा है… भगवान कृष्ण ने कहा है कि उन्होंने चार वर्ण बनाएं हैं

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जबलपुर। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान पर निशाना साधा है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर दावा किया था कि जाति व्यवस्था ‘पंडितों’ ने बनाई है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बातचीत में कहा कि आरएसएस प्रमुख के बयान से उनकी छवि ठीक होने की जगह खराब ही हुई है।

ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने वर्ण व्यवस्था को लेकर भागवत के बयान पर कहा है कि उन्होंने लगता है कोई रिसर्च किया है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अनुसार यह ऐसा बयान है कि भागवत माफी भी मांग लें तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि पहले ही उनकी बहुत आलोचना हो चुकी है। ’

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ज्ञात हो कि गत रविवार को भागवत ने रविदास जयंती पर मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि ईश्वर के समक्ष सभी बराबर हैं लेकिन ‘पंडितों ने जाति व्यवस्था बनाई है।’ समाज को जातियों में बांटने का फायदा पहले विदेशी आक्रमणकारियों ने उठाया था।

भागवत की टिप्पणी के बारे में शंकराचार्य ने कहा कि उन्होंने देर से अपार ज्ञान प्राप्त किया है। आपने अनुसंधान किया है…क्या अनुसंधान? आप बताएं। हमने भागवद गीता में पढ़ा है… भगवान कृष्ण ने कहा है कि उन्होंने चार वर्ण बनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भागवत (आरएसएस प्रमुख) कह रहे हैं कि भगवान ने यह नहीं बनाया है। उन्हें पंड़ितों ने बनाया है। फिर आप कहते हैं कि पंडित का अभिप्राय विद्वान है न कि ब्राह्मण। विद्वानों ने अगर कुछ कहा है तो फिर आप नकार क्यों रहे हैं।