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सवारी भरने के लिए ऐसे मेट्रो बसों में होती है जंग

बस स्टैंड में दो बसें टकराईं, बाल-बाल बचे बस में सवार दर्जनों यात्री

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awkash garg

Aug 12, 2016

Metro Bus Jabalpur accident

Metro Bus Jabalpur accident

जबलपुर। सिटी परिवहन की लाइफ लाइन बन चुकी मेट्रो व ऑटो की मनमानी पर आरटीओ या पुलिस महकमा अंकुश नहीं लगा पा रहे। अद्र्ध सरकारी होने के बावजूद मेट्रो बसों में ओवरलोडिंग और आए दिन होने वाले हादसे नहीं रुक रहे। लाख सख्ती के बाद भी ऑटो चालक ओवरलोडिंग से बाज नहीं आ रहे। गुरुवार को जहां रेस लगा रहीं दो मेट्रो बसें आपस में टकरा गईं।

दोपहर दो बजे मेडिकल से स्टेशन के लिए निकली दो मेट्रो बसें सूपाताल के पास टकरा गईं। बस एमपी 20 पीए 0665 दूसरी मेट्रो एमपी 20 पीए 0668 से आगे निकलने की रेस कर रही थी कि जोरदार टक्कर हो गई। आगे वाली बस के इमरजेंसी गेट में पीछे वाली मेट्रो का अगला हिस्सा फंस गया। लोगों की चीख पुकार के बाद चालक ने बस रोकी। हादसे के चलते 25 मिनट तक ट्रैफिक प्रभावित रहा। महिलाएं व बच्चे बुरी तरह सहम कर चिल्लाने लगे थे।

मैं तीन साल की बच्ची के साथ मेट्रो में सवार थी। टक्कर से बच्ची बुरी तरह डर गई। उसका रो-रोकर बुरा हाल है।
- स्वाती शर्मा

मैं बुजुर्ग हूं। ये सोचकर बस में बैठा था कि सहूलियत से रेलवे स्टेशन पहुंच जाऊंगा, लेकिन अब दोबारा बस में नहीं बैठूंगा।
- राम अवस्थी

रोजाना बस से आती-जाती हूं। मेट्रो चालकों का रवैया एेसा ही रहता है। आपस में प्रतिस्पर्धा करते हैं। तेज गति में बस चलाते हैं। कई बार एेसे हालात निर्मित हो चुके हैं।
- पायल श्रीवास्तव

मेट्रो का चालक बेहद तेज चला रहा था। पीछे से आ रही मेट्रो से बार-बार हॉर्न बज रहा था। लेकिन उसे साइड नहीं दी गई। आगे निकलने के चक्कर में पीछे से टक्कर हो गई।
- राकेश पटेल

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