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जबलपुर। लोग वास्तु और पैसों के लिए घर के एक्वेरियम में कछुआ रख लेते हैं। लेकिन उनकी देखरेख में कमी से घर का वास्तु भी बिगड़ सकता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यदि कछुआ स्वस्थ नहीं रहता या वह खुश नहीं है तो उसक विपरीत असर होने लगता है। वहीं डॉक्टरों के अनुसार घर में पाले जाने से कछुओं के सेल भी खराब हो रहे हैं। घरों में पाले जा रहे कछुए समय से पहले बीमार हो रहे हैं। कछुओं का मजबूत सेल जहां खराब हो रहा है तो वहीं कछुए अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त हो रहे हैं। वेटरनरी विवि के वाइल्ड लाइफ स्कूल में कछुओं के पहुंचे कुछ मामले में जांच में सामने आया है। जिसके पीछे की मुख्य वजह कछुओं को पालने के दौरान लापरवाही बरतना है। कुछ सामान्य तौर पर मिलने वाले कछुओं को घरों में एक्वेरियम में सजावट के तौर पर भी रखा जाता है तो वहीं कुछ प्रजातियों को संकट ग्रस्त श्रेणी में रखा गया है। नर्मदा में बड़ी संख्या में सॉफ्ट सेल प्रजाति पाई जाती है।
मिस मैनेजमेंट से कछुओं की जान खतरे में
कछुओं के सेल हो रहे खराब, वेटेरनरी विश्वविद्यालय के पास पहुंचे मामले
प्रोलेप, डीहाईड्रेशन का शिकार
बताया जाता है वेटरनरी के स्कूल ऑफ फांरङ्क्षसक एंड वाइल्ड लाइफ सेंटर में हर माह करीब 15 से 20 मामले सामने आए हैं। गर्मी के दौरान इसकी संख्या में कुछ इजाफा हुआ है। वीयू लैब में डॉयरेक्टर शोभा जावरे के निर्देशन में वन्य जीवों की जांच की गई। जांच के दौरान कई कछुओं में विटामिन मिनरल की कमी, डी हाइड्रेशन, सेल का खराब होने की समस्या सामने आई है। टेंट टर्टल, सॉफ्ट सेल, रेडियस स्लाइर जैसी प्रजातियों का उपयोग पालने के लिए किया जाता है।
कछुआ पालने के फायदे
- कछुआ सुख, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक है।
- कछुआ वास्तु शास्त्र में विशेष लाभदायक है।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- कछुआ रखने से निसंतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है।
- नजर दोष और बीमारियां दूर होती है।
- कछुआ से धन प्राप्ति
Published on:
28 May 2022 10:29 am
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