
True Gosevak
जबलपुर. गोवंश को लम्पी वायरस से बचाने और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए शहर के युवा गो सेवकों की टीम डेढ़ महीने से नि:शुल्क टीकाकरण का काम कर रही है। गली मोहल्लों से लेकर हाईवे और शहर व ग्रामीण के मुख्य मार्गों पर घूम रहे गोवंश को पकड़कर उनका टीकाकरण कर रहे हैं। बड़ी बात ये कि इसमें गो सेवक कोई भी शासकीय फंडिंग नहीं ले रहे हैं। स्वयं के खर्च पर यह कार्य कर रहे हैं।
650 गायों को टीका
विजय नगर, कचनार सिटी, करमेता, ग्रीन सिटी, सूखा, पाटन बायपास, कटंगी बायपास, रांझी समेत अन्य क्षेत्रों में सडक़ों पर घूमने वाली 650 से ज्यादा गायों व उनके बछड़ों का गो सेवक मनीष विश्वकर्मा, विशाल नेमा, श्रेयांश तिवारी, शरद विश्वकर्मा, कृष्णा मिश्रा, रिंकू तिवारी द्वारा वैक्सीनेशन किया गया है। मनीष ने बताया वैक्सीन लगाने के बाद गायों व बछड़ों के सींगों को नीला पेंट कर देते हैं, या फिर लाल रंग की रेडियम पट्टी लगा देते हैं, ताकि उसे पहचाना जा सके। इसके अलावा घायल व बीमार गायों की पूरे साल नि:शुल्क सेवा भी करते हैं। किसी प्रकार की शासकीय सहायता नहीं लेते हैं।
गांव-गांव घूमकर दे रहे जानकारी
पनागर तहसील के अंतर्गत दर्जनों गांवों के गोवंश को लम्पी वायरस से बचाने के लिए गो सेवकों की टीम दिन रात घूूम रही है। गो सेवक बंटी पटेल और उनके मित्र डॉक्टर बग्गा, राम चरण केवट, रामेंद्र बंशकार, कृष्ण कुमार पटेल, अश्विनी पटेल, मोहित उपाध्याय, शंकर विश्वकर्मा, आलोक जैन, मनीष नामदेव एक महीने में 300 से ज्यादा गायों को लम्पी वायरस से बचाने वाले टीके लगा चुके हैं। बंटी ने बताया टीम पशु पालकों के घर जाकर उन्हें खतरनाक बीमारी लम्पी वायरस के बारे में जानकारी दे रही है। गोसेवा में आने वाला पूरा खर्च सब मिलकर वहन कर रहे हैं। पूरे साल हाईवे पर एक्सीडेंट में घायल होने वाली गायों की नि:स्वार्थ सेवा भी करते हैं।
गो सेवकों ने बताया गायों को लगाई जाने वाली एक 100 एमएल वाली वैक्सीन की कीमत 1 हजार रुपए है। जो करीब 70 से 80 गायों को लगाई जाती है। वैक्सीन सील खुलने के 4 घंटे तक उपयोग की जा सकती है। ऐसे में कई बार गाय न मिलने से वैक्सीन को अलग करना पड़ता है। हालांकि प्रयास करते हैं जहां ज्यादा गायें मिल जाएं वहीं से शुरुआत करें।
Published on:
16 Oct 2022 03:21 pm
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