scriptजहां 21 सालों में 1 ही वोट पड़ा था, वहां 86 ग्रामीणों ने नक्सली दहशत को दरकिनार कर किया मतदान | 86 vote Put in this polling booth after 21 years in Dantewada bypolls | Patrika News
जगदलपुर

जहां 21 सालों में 1 ही वोट पड़ा था, वहां 86 ग्रामीणों ने नक्सली दहशत को दरकिनार कर किया मतदान

पहली बार नीलावाया में माओवादी दहशत को छोड़ 86 ग्रामीणों ने किया मतदान, अब लोकतंत्र पर भरोसा भी लगातार बढ़ रहा है।
 
 

जगदलपुरSep 24, 2019 / 11:43 am

Badal Dewangan

जहां 21 सालों में 1 ही वोट पड़ा था, वहां 86 ग्रामीणों ने नक्सली दहशत को दरकिनार कर किया मतदान

जहां 21 सालों में 1 ही वोट पड़ा था, वहां 86 ग्रामीणों ने नक्सली दहशत को दरकिनार कर किया मतदान

जगदलपुर. दंतेवाड़ा के नीलावाया इलाके में रहने वालों के दिल से 21 साल बाद धीरे-धीरे माओवादियों की दहशत कम हो रही है। इस इलाके में पिछले २१ सालों में सिर्फ 1 ग्रामीण ने वोट डाला था। लेकिन इस उपचुनाव में यहां के 86 लोगों ने मतदान कर यह साबित कर दिया की माओवादी दहशत कम तो हुई ही है, इसके साथ ही उनका अब लोकतंत्र पर भरोसा भी लगातार बढ़ रहा है। गौरतलब है कि इस बूथ में पिछले विधानसभा चुनाव में चार वोट पड़े थे। जिसमें मतदान दल तीन कर्मियों ने ईडीसी (इलेक्शन ड्यूटी सर्टिफिकेट) के जरिए मतदान किया।

यह भी पढ़ें

इन 4 मतदान केंद्रो में महज 5% मतदान, जबकि 300 मीटर दूर है थाना व सीआरपीएफ कैंप, जानिए क्या है वजह

नीलावाया में कुल 722 मतदाता हैं
दंतेवाड़ा के नीलावाया इलाके के ग्रामीणों में माओवादियों का भय साफ देखने को मिला। 722 मतदाताओं वाले इस बूथ में सिर्फ 20 साल बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक ग्रामीण ने वोट दिया था। 21 वे साल यह आंकड़ा बढक़र 83 तक पहुंचा। यह आंकड़ा जरूर माओवादी दहशत कम होने की ओर जरूर इशारा करता है लेकिन अभी भी गांव के काफी लोगों में दहशत बरकरार है।

यह भी पढ़ें

एक तरफ नक्सली चुनाव का कर रहे बहिष्कार, दूसरी तरफ दो दिन पहले आत्मसमर्पित इनामी नक्सली ने किया मतदान

दूरदर्शन की टीम पर भी इसी इलाके में एक साल पहले हुआ था हमला
माओवादी दहशत की वजह से यहां इस गांव के लोगों ने पिछले 20 साल से वोट नहीं डाला है। सुरक्षा बलों के साये में सडक़ बनने लगी तो प्रशासन ने दो दशक बाद पिछले विधानसभा चुनाव में मतदान करने की जहमत उठाई थी। लेकिन इससे ठीक पहले कवरेज करने आई दूरदर्शन की टीम को माओवादियों ने निशाना बनाया था। जिसमें एक कैमरामेन व दो जवानों की मौत हो गई थी। वारदात हो गई और बूथ शिफ्ट करना पड़ा। माओवादियों की दहशत और प्रशासन से नाराजगी ही है कि किसी ने वोट नहीं डाला।

यह भी पढ़ें

दंतेवाड़ा जिले में चल रहे उपचुनाव में पीठासीन अधिकारी की ड्यूटी के दौरान अचानक ऐसे हुई मौत

21 साल से गांव में नहीं हुआ मतदान, माओवादी दहशत से हर बार शिफ्ट होता है बूथ
इस इलाके में माओवादी दहशत की वजह से हर बार बूथ को शिफ्ट किया जाता है। अंदरूनी गांवों में माओवादी चुनाव का बहिष्कार करते हैं, इसी भय से ग्रामीण वोट देने नहीं आते। यहां माओवादी भय की वजह से 21 साल से गांव में मतदान ही नहीं हुआ है। हर बार बूथ को शिफ्ट किया जाता है। विधानसभा चुनाव से पहले घटना के बाद नीलावाया में बने पोलिंग बूथ को शिफ्ट किया गया था। इस बार भी यहां का बूथ 15 किमी दूर माडेंदा में शिफ्ट किया गया है।

Home / Jagdalpur / जहां 21 सालों में 1 ही वोट पड़ा था, वहां 86 ग्रामीणों ने नक्सली दहशत को दरकिनार कर किया मतदान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो