
बस्तरिया कोदो- कुटकी व रागी के बारे में जानकारी लेने पहुंची आंकलन टीम
जगदलपुर. पंचवर्षीय आंकलन टीम ने शहीद गुण्डाधूर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र द्वारा संचालित अखिल भारतीय समन्वित लघु धान्य परियोजना का भ्रमण बीते दिनों किया। यह दल प्रत्येक पांच वर्ष पश्चात् भ्रमण करती है, इस दल का प्रमुख उद्देश्य भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा संचालित अनुसंधान, अग्रिम पंक्ति फसल प्रदर्शन एवं आदिवासी उपयोजना द्वारा फसल प्रदर्शन का अवलोकन करना होता है। परियोजना अधिकारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एके ठाकुर ने भ्रमण दल को बताया कि यह अनुसंधान कार्य कृषि महाविद्यालय में सन् 2001 से संचालित है, इस दौरान यहां के वैज्ञानिकों ने रागी, कोदो एवं कुटकी प्रत्येक के दो-दो किस्में विकसित किए हैं। इसके अलावा प्रत्येक वर्ष नए क्षेत्रों में उत्कृष्ठ कार्य किये है। चूंकि कोदो एवं रागी का प्रसंस्करण बहुत कठिन होता है, इसलिए किसान अपने फसलों को कम मूल्यों पर बिचौलियों को बेच दे रहे हैं।
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुये अखिल भारतीय समन्वित लघु धान्य परियोजना ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत प्रसंस्करण इकाई तीन अलग-अलग जगहों पर स्थापित किए है, जिससे किसान भाई कोदा, कुटकी एवं रागी का चांवल बनाने में सरलता होगी, एवं इन चांवलों के अच्छे मूल्य प्राप्त होंगे, इस मशीन के द्वारा रागी का आटा भी बनाया जाता है, जो आयरन और कैल्शियम से परिपूर्ण होने के कारण सभी वर्गो के पुरूष, बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं के लिये उत्तम आहार पाया गया है।
इस भ्रमण के दौरान चेयरमैन डॉ. एच शिवाना व भ्रमण दल ने प्रजनक बीज उत्पादन, लघु धान्य प्रसंस्करण इकाई एवं उच्चहन अनुसंधान केन्द्र, लामकेर में अखिल भारतीय समन्वित लघु धान्य परियोजना के वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों की सराहना की। अधिष्ठाता डॉ. एससी मुखर्जी ने भ्रमण दल को यहां पर चल रहे विभिन्न अनुसंधान कार्यो, शिक्षण एवं विभिन्न विस्तार योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दीे। भ्रमण के दौरान यहां के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आरएस नेताम, डॉ. प्रफुल्ल कुमार, डॉ. पीएस नेताम, गोपाल परमानिक, डॉ. पूनम, भूपेन्द्र जोशी, रामचरण प्रजापति उपस्थित रहे।
Published on:
04 Nov 2018 10:22 am
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