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बस्तर के जांबाजों ने किया कमाल… हिमालय की 15 हजार फीट ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा

15 हजार फीट ऊंची चोटी को देश के अलग-अलग शहरों से आए 15 सदस्यों के साथ फतह कर लिया।

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शहर के समाजसेवी और पूर्व चेंबर अध्यक्ष किशोर पारेख ने उत्तराखंड की पांगर्चुल्ला चोटी पर तिरंगा लहरा दिया है। उन्होंने अपनी इस सफलता पर कहा है कि हौसला हो तो उम्र बाधा नहीं बनती। जिस उम्र में ज्यादातर लोग रिटायर्टमेंट के बाद घर में कैद हो जाते हैं उस उम्र में किशोर ने 15 हजार फीट ऊंची चोटी को देश के अलग-अलग शहरों से आए 15 सदस्यों के साथ फतह कर लिया। शहर लौटकर पत्रिका को अपने इस अभियान के बारे में बताते हुए किशोर पारेख ने कहा कि उत्तराखंड के चमोली जिले की बर्फ से ढकी चोटी पर पहुंच 6 मई को तिरंगा फहराने वाले दल में वे भी शामिल थे।

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इस दस दिवसीय अभियान में कुल 14 सदस्यों ने 15 हजार फीट से ज्यादा कि ऊंचाई पर स्थित पांगर्चुल्ला की चोटी पर चढ़ाई करने में सफलता पाई और तिरंगा फहराया। चोटी पर चढ़ाई का अभियान 5 और 6 मई के दरयान रात्रि 1 बजे शुरू किया। बेस कैंप से लगभग 6 किमी की ऊंची चढ़ाई कर, बर्फ से आच्छादित कई पर्वतों को पार कर दल सुबह लगभग 8 बजे पांगर्चुल्ला पहुंचा। तापमान -7 डिग्री था जो की तेज ठंडी हवाओं के कारण -10 डिग्री जैसा हो गया था। अभियान में युवा, बुजुर्ग व महिलाएं भी शामिल थी। सभी ने पूरे उत्साह के साथ अपने इस मुश्किल अभियान को सफल बनाया। किशोर पारेख के अलावा शेष सदस्य कर्नाटक मैसूर और बैंगलोर से थे। सभी ने खराब मौसम का भी सामना किया।

सालों पुराना सपना अब पूरा हुआ

किशोर पारख ने इस अभियान को बेहद रोमांचक और यादगार बताया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति लगाव होने के कारण कई सालों से वे ऐसे किसी ट्रैक पर जारने के बारे में सोच रहे थे। मन में हिमालय की किसी चोटी पर ट्रेकिंग करने का सपना था जो कि अब जाकर साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि माउंटेनर नैना धाकड़ और मित्र डीएस सोलंकी ने प्रभावित किया है।

किशोर पारेख ने बताया कि पूरा ट्रैक घने जंगलों के बीच से दुर्गम चढ़ाई से होते हुए पूरा हुआ। खुल्लारा में बेस कैंप बनाया गया। तीसरे दिन अर्थात 4 मई को दल ने खुल्लारा से क्वारीटॉप का विशेष अभियान किया और लगभग 14 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर पहुंच तिरंगा फहराया।

पांचवें दिन मौसम खराब होने से ट्रेकिंग नहीं हो पाई और अंतत: छठवें दिन दल ने अपना लक्ष्य हासिल किया और 15 हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित पांगर्चुल्ला पर चढऩे में सफलता प्राप्त की। पांगर्चुल्ला ट्रैक का विशेष अभियान टाइगर एडवेंचर फाउंडेशन मैसूर की ओर से आयोजित था। जिसके प्रमुख डीएस सोलंकी हैं। जो कि ऐसे कई अभियानों का सफल संचालन कर चुके हैं।