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CG Vendor Meet: बस्तर में होगा 20 हजार करोड़ का निवेश! वेंडर मीट में इंवेस्टर्स ने दिखाई रुचि

CG Vendor Meet: इस मीट का आयोजन एमएसई को जगदलपुर और उसके आसपास सहायक उद्योग स्थापित करने के लिए ..

CG Vendor Meet , Chhattisgarh news

CG Vendor Meet: बस्तर में शुक्रवार को एक निजी हॉटल में एनएमडीसी ने वेंडर मीट का आयोजन किया। इसमें इंवेस्टरों ने बस्तर में निवेश के लिए जबदस्त उत्साह दिखाया है। इस आयोजन में मौजूद कलेक्टर बस्तर विजय दयाराम के. के मुताबिक इस मीट में 200 से अधिक इंवेस्टर्स ने 20 हजार करोड़ से अधिक का निवेश आने की उम्मीद जताई है।

CG Vendor Meet: दरअसल एनएमडीसी द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार के एमएसएमई-विकास एवं सुविधा कार्यालय तथा राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड के साथ संयुक्त रूप से आज जगदलपुर के निजी होटल में वेंडर्स मीट का आयोजन किया गया। इस मीट का आयोजन एमएसई को जगदलपुर और उसके आसपास सहायक उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था।

इस अवसर पर एनएमडीसी ने संभावित वेंडर्स के समक्ष एनएमडीसी की किरंदुल और बचेली स्थित खदानों तथा नगरनार स्थित एकीकृत इस्पात संयंत्र की आवश्यकताओं के बारे में जानकारी दी, जिसमें अत्याधुनिक इस्पात संयंत्र के संचालन के लिए आवश्यक स्पेयर पार्ट्स और सेवाओं के बारे में बताया गया।

CG Vendor Meet: छह राज्यों के 200 वेंडर हुए शामिल

वेंडर मीट में देशभर से वेंडर पहुंचे थे। मिली जानकारी के अनुसार इसमें उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लोग शामिल थे। वहीं छत्तीसगढ़ से भी बड़ी संख्या में वेंडर यहां पहुंचे हुए थे। इनमें सबसे अधिक दुर्ग और भिलाई के वेंडर थे। यहां इन्होंने लौह और स्टील पर निर्भर या आधारित प्लांट लगाने में रूचि दिखाई। यहां देशभर से करीब 200 से अधिक वेंडर शामिल हुए थे।

बस्तर की लंबे समय से मांग थी कि एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर में हो। हालांकि यह मांग पूरी तो नहीं हुई लेकिन बस्तर में एनएमडीसी जीएम स्तर के अधिकारी को बैठाने पर राजी हो गया है। जल्द ही इसके लिए अलग से कार्यालय खोलने की तैयारी भी चल रही है। सहाकारी बैंक के करीब इनके कार्यालय को चिन्हाकिंत करने की भी सूचना है।

नक्सल वारदातों के लिए पहचाने जाने वाले बस्तर के लिए अच्छी खबर यह थी कि मीट में आने वालों से जब पूछा गया कि उनके मन में बस्तर को लेकर क्या पहचान थी तो अधिकांश वेंडरों ने नक्सल समस्या को तीसरे और चौथे स्थान पर रखा। पहले स्थान पर दुरस्थ, पहुंच विहीन बताया। कनेक्टिविटी पर और काम हो तो यह पहचान भी बदल सकती है।

कलेक्टर विजय दयाराम के. ने कहा कि बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता-खूबसूरती, जनजातीय संस्कृति और खनिज संसाधन ही हमारे क्षेत्र की पहचान है। साथ ही क्षेत्र में उद्योग स्थापना की अपूर्व संभावना है, शासन प्रशासन द्वारा भी आवश्यक पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री की पहल पर उद्योग विभाग द्वारा उद्योग स्थापना के लिए सिंगल विंडो भी प्रारंभ किया गया है। उद्योगों को प्रोत्साहित करने संभाग मुख्यालय में जीएमडीसी की पदस्थापना की जा रही है।

यह रहे मौजूद

कार्यक्रम में उपस्थित वेंडरों से भी उन्होंने बस्तर की चर्चा की। कार्यक्रम में एनएमडीसी के अधिकारी, उद्योग विभाग के अधिकारी, विभिन्न राज्यों, प्रदेश के कई जिलों के वेंडर उपस्थित थे।