10 हजार वर्गफीट के सरकारी जमीन में बनाया आलिशान रेस्टोरेंट… अब तक नहीं हुई कोई कार्रवाई, न्यायालय का आदेश भी भूले
सबसे खराब बात यह है कि सरकारें भी इन आदिवासियों को न्याय दिलाने में विफल साबित हो रहीं हैं या यह कहिए कि इसके लिए प्रयास भी नहीं करती। तभी तो बस्तर में अब तक हुई घटनाओं को लेकर बने न्यायिक आयोग की रिपोर्ट आने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बस्तर के लिए अब तक बने पांच न्यायिक आयोग की रिपोर्ट सामने आ चुकी है, लेकिन सरकार की तरफ से इसपर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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ऐसा नहीं है कि आदिवासी सिर्फ पुलिस से ही प्रताड़ित है बल्कि उनका नक्सलियों के हाथों भी जान का नुकसान हो रहा है। नक्सली जिनसे दुश्मनी होती है उन पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाकर उनकी हत्या कर देते हैं। कई बार यह हत्या इतनी दर्दनाक होती है कि जनअदालत में नक्सली सैकड़ों ग्रामीणों व उनके परिवार वालों के सामने गला रेंत देते हैं। इतना ही नहीं संगठन में जोड़ने से लेकर उनके लिए छोटी मोटी चीजें उपलब्ध कराने के लिए भी दबाव बनाते हैं। जो बाद में नक्सल सहयोगी होने का आधार बन जाता है। पिछले तीन साल की तरफ ही नजर डालें तो अब तक नक्सलियों ने 40 से अधिक लोगों को मुखबीरी के नाम पर हत्या कर दी है।