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डॉक्टर्स और नर्सेस का फाइनल अल्टीमेटम, 20 अगस्त तक पूरी करें ये मांगें वरना ………, हो सकता है बड़ा बवाल

Doctor Strike : मेडिकल कॉलेज में बांडेंड और स्टाफ नर्स की एक दिवसीय हड़ताल भले ही खत्म हो गई हो लेकिन प्रबंधन के लिए समस्या खत्म नहीं हुई है।

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डॉक्टर्स और नर्सेस का फाइनल अल्टीमेटम,  20 अगस्त तक पूरी करें ये मांगें वरना .........,  हो सकता है बड़ा बवाल

डॉक्टर्स और नर्सेस का फाइनल अल्टीमेटम, 20 अगस्त तक पूरी करें ये मांगें वरना ........., हो सकता है बड़ा बवाल

जगदलपुर . मेडिकल कॉलेज में बांडेंड और स्टाफ नर्स की एक दिवसीय हड़ताल भले ही खत्म हो गई हो लेकिन प्रबंधन के लिए समस्या खत्म नहीं हुई है। मेडिकल कालेज के बांडेड डॉक्टर्स और नियमित नर्सेस ने साफ कर दिया है कि प्रशासन के पास 20 अगस्त तक का समय है। यदि इस समय तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तो 21 अगस्त से उनका अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू होगा।

मालूम हो कि शुक्रवार को एक दिवासीय प्रदर्शन के दौरान जब डॉक्टरों और नर्स ने काम बंद कर दिया तब मेकाज में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गई थी। इसके चलते मरीजों और उनके परिवारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। ऐसे में यदि अब यह आंदोलन अनिश्चितकालीन हो जाता है तो प्रबंधन के साथ यहां मरीजों की दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है

परिचारिका संघ भी हड़ताल पर जांएगी

प्रदेश उपाध्यक्ष अंशिला बैस का कहना है कि नियमित स्टाफ नर्सों की भी कई मांगे है। जिसमें वेतनवृद्धि शामिल है। उनका कहना है क यह मांगे लंबे समय से लंबित हैं। शासन से लेकर प्रशासन तक इसकी जानकारी दे दी गई है। 11 अगस्त को राजधानी में इसके लिए प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन भी किया गया था। अब 20 अगस्त तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो वे भी बेमियादी हड़ताल पर जाएंगी।

यह है इन डॉक्टरों की मांग

मेकाज के डॉक्टर ए प्रशांत ने बताया कि जनवरी 2023 में समस्त बॉन्डेड डॉक्टर्स ने वेतन वृद्धि के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन किया था। मुख्यमंत्री ने उस समय आश्वासन दिया था कि मांगों पर एक त्वरित निर्णय लिया जाएगा। लेकिन 6 माह के बाद भी वेतन वृद्धि के विषय मे कोई निर्णय नहीं लिया गया।

अनुबंधित डॉक्टर्स की वेतन अंतिम बार 2017 में ही वृद्धि हुई थी। लेकिन 6 साल बीत जाने के बाद भी सरकारी तंत्र के इस अनदेखी ने हमे बहुत हतोत्साहित किया है। इसलिए मांगों को लेकर 10 से 13 अगस्त तक ब्लैक रिबन के साथ ओपीडी संचालन कर अपनी मांगों को फिर से शासन प्रशासन तक लेकर गए। लेकिन इसके बाद भी यदि 20 अगस्त शासन हमारी लंबित मांगों पर कोई निर्णय नहीं लेता है तो 21 अगस्त से छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन के साथ अनिश्चितकालीन अवकाश पर जाने को बाध्य होंगे।


परिवारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। ऐसे में यदि अब यह आंदोलन अनिश्चितकालीन हो जाता है तो प्रबंधन के साथ यहां मरीजों की दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।