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Mahashivratri 2023: बहुत ख़ास है छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सरहद पर स्थित गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, कटीली चट्टान और नुकीले पत्थर को पार कर पहुंचते हैं भक्त

Mahashivratri 2023: शहर से 75 किमी दूर ओडिशा स्थित गुप्तेश्वर महादेव के दर्शन के लिए बस्तर के वन विभाग ने वनग्राम तिरिया से व्यवस्था की है। यहां पर श्रद्धालुओं का पंजीयन किया जाता है।

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Mahashivratri 2023

गुप्तेश्वर महादेव

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि का पावन पर्व आज मनाया जाएगा। इस मौके पर शहर समेत अंचल के संभी शिवालयों में भोलेनाथ के दर्शन के लिए भक्तों का सुबह से ही तांता लगा रहेगा।

शहर से 75 किमी दूर ओडिशा स्थित गुप्तेश्वर महादेव(Gupteshwar Mahadev Temple) के दर्शन के लिए बस्तर के वन विभाग ने वनग्राम तिरिया से व्यवस्था की है। यहां पर श्रद्धालुओं का पंजीयन किया जाता है। जिस स्थान से श्रद्धालुओं का पैदल चलना होता है वहां पर वन विभाग से बांस का मचान लगाने का काम पूरा कर दिया है।


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दरअसल, गुप्तेश्वर(Gupteshwar Mahadev Temple) पहुंचने के लिए कोलाब नदी को पार करना होता है और छत्तीसगढ़ की तरफ से मंदिर जाने पर कोई पुल नहीं पड़ता है। ऐसे में श्रद्धालु सालों से महाशिवरात्रि पर इसी तरह से मचान पर चलकर मंदिर तक पहुंचते हैं। गुप्तेश्वर (Gupteshwar Mahadev Temple) में सावन सोमवार और महाशिवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की लंबी कतार होती है। एक सप्ताह तक चलने वाले शिवरात्रि मेला में ओडिशा, छत्तीसगढ़ के अलावा आंध्र तथा अन्य राज्यों से भी यहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैे।

गुप्तेश्वर में वन विभाग तो दलपत सागर में निगम ने संभाली व्यवस्था
गुप्तेश्वर मंदिर (Gupteshwar Mahadev Temple) एक गुफा में है। एक पहाड़ी पर घने जंगल के बीच मंदिर में महादेव विराजित हैं। यहां पर भक्तों के लिए आवागमन सुगम बनाने के लिए छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा बांस के लकडिय़ों की अस्थायी पुल का निर्माण किया जाता है। गुप्तेश्वर(Gupteshwar Mahadev Temple) को गुप्त केदार शबरी के नाम से भी जाना जाता है, जो गुप्तेश्वर द्वारा महान प्राकृतिक सौंदर्य प्रवाह की एक चट्टानी धारा है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम दंडकारण्य में पंचवटी के रास्ते में था।

नगर निगम ने दलपत सागर की सफाई की, श्रद्धालुओं के लिए चलेगी बोट
नगर निगम का अमला पिछले कई दिनों से दलपत सागर के मध्य स्थित प्राचीन शिवालय में शिवरात्रि मनाए जाने की तैयारी में जुटा हुआ है। निगम ने यहां श्रद्धालुओं के पहुंचने के लिए निशुल्क बोट की व्यवस्था की है। आज इसी के माध्यम से श्रद्धालु मंदिर तक पहुंचेंगे। इसके अलावा मंदिर के आसपास फैले जलकुंभी को साफ कर दिया गया है। मंदिर में भी रंग-रोंगन कर विद्युत झालरों से सजावट की गई है। इसी तरह शहर के अन्य शिवालयों में भी महाशिवरात्रि के लिए विशेष तैयारी की गई है।