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जगदलपुर निगम ने जिस चौक को लाखों रुपए से संवारा, अब वह हो रहा कबाड़

चौक से लगी दुकानों का आबंटन भी डेढ़ साल बाद नहीं हो पाया

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जगदलपुर निगम ने जिस चौक को लाखों रुपए से संवारा, अब वह हो रहा कबाड़

चौक में 96 लाख रुपए की लागत से हुआ सौंदर्यीकरण का काम अब धूल खा रहा है।

जगदलपुर। नगर निगम ने 96 लाख रुपए रुपए खर्च कर आमागुड़ा चौक को संवारा था। एनएच से शहर में दाखिल होने वाले लोग आमचो बस्तर की थीम को समझ पाएं इसलिए यहां पर आमचो बस्तर लिखित एक बड़ी कलाकृति भी लगाई गई थी। यहां हुआ काम अब धूल खाते हुए कबाड़ हो रहा है। निर्माण पूरा होने के बाद से निगम ने इस चौक की सुध नहीं ली है। यहां लगे गेट और ग्रील भी अब टूट रहे हैं और चोर उन्हें साथ ले जा रहे हैं। वहीं बात करें इस चौक से लगकर बने निगम के कॉम्प्लेक्स की तो उनका आबंटन भी नहीं हो पाया है। दरअसल इस चौक के सौदर्यीकरण से पहले वहां पर ठेले-खोमचे वाले खड़ा हुआ करते थे। इन दुकानों को कम कीमत पर उन्हें ही आबंटित किया जाना ंथा, लेकिन दुकानों की कीमत निगम ने इतनी ज्यादा तय कर दी कि ठेले-खोमचे वालों ने दुकानों को लिया ही नहीं। अब वे कॉम्प्लेक्स के सामने ही अपने ठेले लगा रहे हैं।

दो से तीन लाख रुपए कहां से लाएं
कॉम्प्लेक्स के सामने नाश्ते का ठेला लगाने वाले सुुरेश ने बताया कि पहले कहा गया था कि दुकानें उन्हें दी जाएंगी लेकिन जब निगम जाकर पता किया तो पता चला कि दो से तीन लाख रुपए तक में दुकान मिलेंगी। सुरेश ने कहा कि अगर हमारे पास इतने पैसे होते तो ठेला क्यों लगाते और दुकानें जिस तर्ज पर बनाई गई हैं वह दो-तीन लाख की हैं भी नहीं।

रेडीमेड दुकान लाकर जगह पर रख दिया
निगम ने कॉम्प्लेक्स का निर्माण पक्का नहीं किया है। यानी छत की ढलाई नहीं की है। मिली जानकारी के अनुसार हैदराबाद से रेडीमेड दुकानें मंगवाई गईं और उन्हें क्रमवार कॉम्प्लेक्स के रूप में रख दिया गया। अब इन्हीं दुकानों कीमत लाखों रुपए तय की गई है जिसे लेने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। यहां के ठेले-खोमचे वालों का कहना है कि अगर कीमत उनके बजट में कर दी जाए तो वे दुकानें ले सकते हैं।