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एम्स में नौकरी लगाने का झांसा, 1.50 लाख हड़पे

मथुरादास माथुर अस्पताल में टेलीफोन ऑपरेटर बताकर एक व्यक्ति ने एक युवक की एम्स में नौकरी लगाने का झांसा देकर डेढ़ लाख रुपए ऐंठ लिए। दो जनों के खिलाफ शास्त्रीनगर थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया।

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खुद की फार्मेसी खोलकर यहां से मरीजों को दवाएं बेचेगा

मथुरादास माथुर अस्पताल में टेलीफोन ऑपरेटर बताकर एक व्यक्ति ने एक युवक की एम्स में नौकरी लगाने का झांसा देकर डेढ़ लाख रुपए ऐंठ लिए। दो जनों के खिलाफ शास्त्रीनगर थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया।

पुलिस के अनुसार झालामण्ड निवासी पप्पूदास पुत्र माधुदास वैष्णव ने कोर्ट में पेश इस्तगासे के आधार पर मूलत: न्यू पावर हाउस रोड हाल चौहाबो सेक्टर-10 निवासी जब्बरसिंह पुत्र शैतानसिंह और मधुबन हाउसिंग बोर्ड निवासी हितेश पुत्र भोलाराम प्रजापत के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है।

आरोप है कि 15 जनवरी 2020 को वह मधुबन हाउसिंग बोर्ड में हितेश से मिला था। पुत्र नरेन्द्र की नौकरी लगाने के लिए उसने हितेश से बात की थी। तब उसने जब्बरसिंह की जानकारी दी। उसके एमडीएम अस्पताल में टेलीफोन ऑपरेटर होने व एम्स में जान पहचान होने की जानकारी दी थी। इस पर वह हितेश के साथ जब्बरसिंह से मिला।

पप्पूदास ने अपने पुत्र नरेन्द्र की नौकरी लगाने के लिए बात की। तब जब्बरसिंह ने एम्स में कम्प्यूटर ऑपरेटर की नौकरी लगाने का भरोसा दिलाया और इसके लिए डेढ़ लाख रुपए मांगे। पीडि़त ने 22 जनवरी 2020 को एमडीएम अस्पताल में जब्बरसिंह को डेढ़ लाख रुपए दिए थे। उसने दो माह का समय मांगा था। मार्च में उसने जब्बरसिंह से बात की तो कोविड की वजह से कुछ समय और लगने का बहाना बनाया। इसके बाद वह कोई न कोई बहाना बनाता रहा।

गत वर्ष पीडि़त एमडीएम अस्पताल पहुंचा, जहां पता लगा कि जब्बरसिंह टेलिफोन ऑपरेटर नहीं है। वह संविदा पर काम करता था। धोखाधड़ी का पता लगने पर पीड़ित ने पहले सरदारपुरा और फिर शास्त्रीनगर थाने में लिखित शिकायत दज्र कराई। पुलिस कमिश्नर को भी परिवाद सौंपा, लेकिन एफआइआर दर्ज नहीं की गई। अब पीडि़त ने कोर्ट की मदद से मामला दर्ज कराया है।