
जयपुर डेयरी किसानों से खरीदेगी 1800 करोड़ का दूध
जयपुर
उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ गुना बढ़ाए जाने के बाद किसान दूध और सब्जियों का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी घोषित करने की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि उपज के साथ दूध और सब्जी किसान की आमदनी का मुख्य साधन है। ऐसे में सरकार को दूध और सब्जियों का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करना चाहिए। ताकि किसान को इसकी सही कीमत मिल सके। यह बात आज खेत बचाओ, किसान बचाओ यात्रा के 21 वें दिन बुधवार को जिले की शाहपुरा तहसील के लोचू का बास गांव में हुई सभा में किसानों ने कही। यात्रा के संयोजक डॉ नगेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि किसान बिजली का बिल हर महीने आने पर भी नाराजगी जता रहे हैं। किसानों की मांग है कि उनकी उपज तीन से चार महीने में तैयार होने पर ही इसे बेचने पर उनकी आमदनी होती है। जबकि बिजली का बिल अब दो की जगह एक महीने में ही आने लगा है। इससे किसानों को परेशानी होती है। किसानों ने मांगे नहीं माने जाने पर संगठित होकर आंदोलन करने की बात भी कही है।
वहीं,जयपुर और दौसा से जुड़े किसानों के लिए भी अच्छी खबर है। जयपुर जिला दूग्ध उत्पादक सहकारी संघ यानि जयपुर डेयरी की आमसभा बुधवार को बिड़ला सभागार में आयोजित की गई। इस दौरान वर्ष 2018—19 के लिए 2100 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया। इसमें से 1800 करोड़ रुपए का प्रावधान किसानों से खरीदे जाने वाले दूध के भुगतान के लिए किया गया है। इससे जयपुर और दौसा की दूध उत्पादक सहकारी समितियों से जुड़े किसानों को फायदा होगा।
पाउच में मिलेगा सरस घी
डेयरी के चेयरमेन ओमप्रकाश पूनिया ने बताया कि जयपुर डेयरी जल्द ही सरस घी को पाउच पैक भी उपलब्ध करवाएगी। यह पैक 10 से लेकर 40 ग्राम तक का होगा। पाउच में घी मिलने से उपभोक्ताओं को नई सुविधा मिल सकेगी। आमसभा में किसानों ने दूध पर अनुदान देने की मांग भी की। किसानों ने कहा कि राज्य सरकार अन्य राज्यों की तर्ज पर राज्य के किसानों से दूध खरीद पर उन्हें प्रति किलो 5 रुपए का अनुदान दे। जयपुर डेयरी 5 किलो की पैकिंग में जल्द ही उपभोक्ताओं को दही भी उपलब्ध करवाएगी। आमसभा में करीब 4 हजार दूध उत्पादक किसानों ने भाग लिया।
Published on:
01 Aug 2018 09:40 pm
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