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Rajasthan weather: चूरू में टूटा 37 साल पुराना बारिश का रिकॉर्ड, 85.1 मिमी बरसात दर्ज, 9 दिन पहले पूरे देश में पहुंचा मानसून

rainfall record : चूरू में टूटा 37 साल पुराना बारिश का रिकॉर्ड, 85.1 मिमी बरसात दर्ज, 9 दिन पहले पूरे देश में पहुंचा मानसून, मौसम विभाग ने दी चेतावनी, राजस्थान में मानसून पूरी तरह सक्रिय, चूरू में जून की सबसे भारी बारिश।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Jun 30, 2025

चूरू में जमकर हुई बारिश। फोटो-पत्रिका।

चूरू में जमकर हुई बारिश। फोटो-पत्रिका।

जयपुर। राजस्थान सहित देशभर में मानसून अब पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इस वर्ष 29 जून को ही पूरे देश को कवर कर लिया है, जबकि सामान्यतः यह प्रक्रिया 8 जुलाई तक पूरी होती है। यानी इस बार मानसून 9 दिन पहले ही देश के कोने-कोने में पहुंच गया।

इसी कड़ी में राजस्थान के चूरू जिले में बीते 24 घंटों में रिकॉर्डतोड़ 85.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है। यह आंकड़ा जून महीने में एक दिन में दर्ज की गई सबसे अधिक बारिश है। इससे पहले यह रिकॉर्ड वर्ष 1988 में 24 जून को 81.9 मिमी बारिश का था।

मौसम विभाग ने बताया कि वर्ष 1956 से अब तक के डाटा के अनुसार जून माह में चूरू में इतनी अधिक वर्षा का यह पहला अवसर है। यह दर्शाता है कि इस बार मानसून की सक्रियता और वर्षा की तीव्रता दोनों ही उल्लेखनीय रूप से अधिक हैं।

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चूरू में हुई इस भारी बारिश से जहां किसानों में राहत की उम्मीद जगी है, वहीं जल संसाधनों में भी बढ़ोतरी की संभावना है। हालांकि, मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और बारिश की चेतावनी भी दी है, जिससे प्रशासन भी अलर्ट मोड में है।

मानसून ने समय से पहले पूरे भारत को किया कवर, 29 जून को पहुंचा हर कोने तक

जयपुर। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इस वर्ष 29 जून 2025 को ही राजस्थान सहित पूरे देश को कवर कर लिया है। आमतौर पर मानसून पूरे भारत में 8 जुलाई तक फैलता है, लेकिन इस बार यह 9 दिन पहले ही देश के हर हिस्से तक पहुंच चुका है।

यह समय से पहले मानसून की सक्रियता इस बात का संकेत है कि देश के कई हिस्सों में बारिश जल्दी शुरू हो चुकी है और आने वाले दिनों में तेज बारिश की गतिविधियाँ देखने को मिल सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति खेती-बाड़ी और जल स्रोतों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है, हालांकि अधिक बारिश की स्थिति में स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहना होगा।