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संस्कार से बदल सकते है संसार — सुरेश ओबेरॉय

जेईसीआरसी में 'स्ट्रेस एंड एंगर मैनेजमेंट' पर फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम

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संस्कार से बदल सकते है संसार — सुरेश ओबेरॉय

संस्कार से बदल सकते है संसार — सुरेश ओबेरॉय

सुरेंद्र बगवाड़ा , जयपुर

एक बच्चा वैसा ही सीखता है, जो आस—पास देखता है। वैसे ही विचारों और संस्कारों के साथ बड़ा होता है। जैसा संस्कार आज हम अपने बच्चों को देंगे, वैसा ही संसार कल हमें दिखेगा। यह कहना है कि एक्टर और आध्यात्मिक वक्ता सुरेश ओबेरॉय का। पांच दिवसीय 'स्ट्रेस एंड एंगर मैनेजमेंट' फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम में उन्होंने ( Actor Suresh Oberoi ) शनिवार को संबोधित किया। वर्चुअल मोड पर हुए प्रोग्राम में उन्होंने कहा कि दिन भर में हमारे मन में कई तरह के विचार आते है। कई अच्छे तो कई बुरे। हम अच्छे विचारों के बारे में सोचेंगे तो हमें अच्छा लगेगा। हम ये सोच ले कि मुझे मुस्कुराना है तो चाहे कोई भी बात हों मैं मुस्कुराऊंगा और बुरे विचारों को नजरअंदाज करूँगा। इससे अपने आप स्ट्रेस दूर भाग जाएगा।

सही दिशा में बढ़ने की ओर कदम

यह प्रोग्राम राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी, टीईक्यू—आईपी—आईआईआई और जयपुर इंजीनियरिंग कॉलेज सीतापुरा की ओर से हो रहा है। जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी ( JECRC University Jaipur ) के वाइस चेयरपर्सन अमित अग्रवाल ने कहा कि कोरोना काल में हमारे आस पास नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो गई है। ऐसे में इस तरह के कार्यक्रम हमे पॉजिटिव एनर्जी देते हैं। साथ ही सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते है।

स्ट्रेस को मैनेज नहीं, जड़ से हटाए

आध्यात्मिक वक्ता देवी चित्रलेखा ने कहा कि 'स्ट्रेस' और 'एंगर' ऐसे शब्द है जिन्हें हमनें अपनी जिंदगी में जोड़ लिए हैं। ये हमारी लाइफ में होंगे और हमको इसे मैनेज करना पड़ेगा, पर जरूरी बात ये है की हम समझे की ये उत्पन्न कैसे हो रहे है? इन्हें जड़ से हटाने का इसे प्रयास किया जाए। ना कि मैनेज करने का। साथ ही जरूरी है ये बात समझना कि हम सब अलग है। हमारी सोच अलग है। हमें ये कोशिश नहीं करनी चाहिए कि हम सबको अपनी तरह बनाए। इस प्रोग्राम में सिस्टर उषा, डॉ. सुरेश गुप्ता, सिस्टर चन्द्रकला, राजयोग बी के सूर्या, डॉ. अवदेश शर्मा, बालकिशोर, डॉ. मोहित गुप्ता, डॉ. इ वी स्वामीनाथन, बीके इवी गिरीश ने भी संबोधित किया।