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असम फिर ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित

अफस्पा छह महीने के लिए बढ़ाई गई

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असम सरकार ने विवादित सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम 1958 की मियाद राज्य में 28 अगस्त, 2018 से तुरंत प्रभाव से छह महीने के लिए बढ़ा दी है। यह अधिनियम ‘अशांत’ इलाकों में विभिन्न अभियान चलाने के लिए सुरक्षा बलों को विशेषाधिकार और छूट देता है। इसी के साथ असम को एक बार फिर अशांत इलाका घोषित कर दिया है। जनसंपर्क अधिकारी विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने बताया है कि सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम 1958 की धारा तीन में दिए गए अधिकार के तहत असम के राज्यपाल ने पूरे असम राज्य को 28 अगस्त 2018 के बाद से छह महीने के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया है। जनसंपर्क अधिकारी विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने दी। असम पुलिस के एक अधिकारी ने बताया है कि सुरक्षा एजेंसियां तब तक राज्य में यह एक्ट चाहती हैं जब तक राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर अपडेट करने का काम पूरा न हो जाए। अधिकारी ने बताया है कि विद्रोह की घटनाएं कम हुई हैं लेकिन नैशनल डेमोक्रैटिक फ्रंट ऑफ बोर्डोलैंड और ULFA सक्रिय हैं। गौरतलब है कि कई नागरिक समूह और मानवाधिकार कार्यकर्ता असम में से इस कानून को हटाने की मांग कर रहे हैं। उनका दावा है कि इस कानून की वजह से सशस्त्र बलों द्वारा मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है। वहीं, इससे पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले महीने शिलॉन्ग में कहा था कि उत्तरपूर्वी राज्यों में हालात सुधर रहे हैं।