जयपुर

अंतरिक्ष यान से टकराकर बदल गया एस्टेरॉयड का रास्ता

अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बुधवार को घोषणा की कि उसका डार्ट मिशन कामयाब रहा है। इस मिशन में एक अंतरिक्ष यान लाखों मील दूर एक एस्टेरॉयड (क्षुद्र ग्रह) से टकराया और उसका पथ बदलने में सफल रहा। नासा ने इस मिशन को ‘सेव द वर्ल्ड’ नाम दिया था। पृथ्वी की ओर भविष्य में आने वाले एस्टेरॉयड की दिशा बदलने की कोशिश के तहत नासा ने यह पहला प्रयोग दो हफ्ते पहले किया था।

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Oct 13, 2022
An asteroid bigger than the Statue of Unity will pass by the Earth tomorrow, it can be devastating if it collides

अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बुधवार को घोषणा की कि उसका डार्ट मिशन कामयाब रहा है। इस मिशन में एक अंतरिक्ष यान लाखों मील दूर एक एस्टेरॉयड (क्षुद्र ग्रह) से टकराया और उसका पथ बदलने में सफल रहा। नासा ने इस मिशन को ‘सेव द वर्ल्ड’ नाम दिया था। पृथ्वी की ओर भविष्य में आने वाले एस्टेरॉयड की दिशा बदलने की कोशिश के तहत नासा ने यह पहला प्रयोग दो हफ्ते पहले किया था।

नासा के मुताबिक उसके यान डार्ट ने डिमोरफोस नाम के एस्टेरॉयड से टकराकर उसमें गड्ढा बनाया। इससे उसका मलबा अंतरिक्ष में फैल गया व धूमकेतु की तरह हजारों मील लंबी धूल तथा मलबे की रेखा बन गई। यान के असर को आंकने के लिए दूरबीन से निगरानी की गई, ताकि पता चल सके कि 520 फीट लंबे क्षुद्र ग्रह के रास्ते में कितना बदलाव हुआ है।

स्पेसक्राफ्ट के टकराने से पहले यह क्षुद्र ग्रह दूसरे क्षुद्र ग्रह का चक्कर लगाने में 11 घंटे 55 मिनट का समय लेता था। नासा के प्रशासक बिल नेल्सन का मानना है कि टक्कर के बाद इस समय में 32 मिनट की कमी आई है। वेंडिंग मशीन के आकार के यान को पिछले साल प्रक्षेपित किया गया था। यह करीब 1.1 करोड़ किलोमीटर दूर 22,500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से क्षुद्र ग्रह से टकराया।

टक्कर के बाद जांच दल ने दुनियाभर की कई ऑब्जर्वेटरी से डेटा इकट्ठा किया। डार्ट मिशन की कोऑर्डिनेशन प्रमुख नैन्सी चाबोट ने कहा, डार्ट ने हमें अपने ग्रह को बचाने से जुड़ी टेक्नोलॉजी का कुछ महत्त्वपूर्ण डेटा दिया है। उम्मीद है कि इस टेक्नोलॉजी के जरिए किसी भी एस्टेरॉयड को धरती पर तबाही से रोका जा सकेगा।

Published on:
13 Oct 2022 12:34 pm
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