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भजनलाल सरकार जल्द लागू करेगी नई तबादला नीति! सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए ये रहेंगे प्रावधान

Rajasthan New Transfer Policy : भाजपा ने चुनावी संकल्प पत्र में प्रदेश में नई तबादला नीति लाने का वादा किया है। अब भजनलाल सरकार जल्द ही नई तबादला नीति लागू करने जा रही है।

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भाजपा ने चुनावी संकल्प पत्र में प्रदेश में नई तबादला नीति लाने का वादा किया है। सत्ता में आने के बाद इस पर काम भी शुरू किया, इसका ड्रॉफ्ट भी तैयार हुआ, लेकिन ड्रॉफ्ट पर कैबिनेट की मुहर नहीं लग पाई। चर्चा है कि नई तबादला नीति में जनप्रतिनिधियों के डिजायर सिस्टम को शामिल नहीं किया गया है। यही बात जनप्रतिनिधियों को अखर रही है। विधायक चाहते हैं कि तबादलों में उनकी भी चले। हाल ही सत्ताधारी दल के विधायकों ने सीएम भजनलाल शर्मा के सामने अपनी बात भी रखी है। इसलिए नई तबादला नीति लागू करना सरकार के लिए आसान नहीं होगा। सरकार की मंशा होगी तो बाधाओं को हटाकर जल्द से जल्द लागू किया जा सकता है।

ड्रॉफ्ट में खास बातें…

नियुक्ति के बाद कर्मचारी का 3 साल से पहले तबादला नहीं होगा। हर कर्मचारी को सेवा में रहते हुए 2 साल ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना होगा।

ट्रांसफर से पहले ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे। अधिकारी-कर्मचारी इच्छानुसार खाली पद के लिए ट्रांसफर आवेदन कर सकेंगे।

ये करे सरकार…..

  1. जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद कर तबादला नीति ड्रॉफ्ट की जरूरत को समझाया जा सकता है। जिन्हें आपत्ति हो, उनसे अलग से भी बैठक हो । कर्मचारी संगठनों को भी साथ लिया जा सकता है।
  2. सिस्टम के हित को ध्यान में रखते हुए तबादला से जुड़े प्रावधान हों तो नजीर पेश की जा सकती है। इसका राजनीतिकरण होने से रोकने की जरूरत है।
  3. ऐसे राज्यों का उदाहरण पेश किया जा सकता है, जहां तबादला नीति लागू होने के बाद काम आसान हो गए हों।

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विभागों को ए और बी श्रेणी में बांटा

सभी विभागों को ए और बी श्रेणी में बांटा गया है, जिन विभागों में 2000 से अधिक कर्मचारी हैं उन विभागों को ए श्रेणी में रखा गया है और जिन विभागों में 2000 से कम कार्मिक है उन्हें बी श्रेणी में रखा गया है। ए श्रेणी के विभागों को प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन को समाहित करते हुए अपनी आवश्यकताओं को देखते हुए तबादला नीति स्वयं बनानी है, जबकि बी श्रेणी के विभागों में प्रशासनिक सुधार विभाग की तबादला नीति ही लागू होगी। ए श्रेणी में पीएचईडी, चिकित्सा और शिक्षा जैसे बड़े विभाग हैं।

शिक्षकों को लेकर स्थिति साफ करे तो बने बात

थर्ड ग्रेड शिक्षकों को लेकर नई तबादला नीति मसौदे में स्थिति साफ होनी चाहिए, जो अभी नहीं है। उनके तबादले किस आधार पर होंगे। पिछले 10 साल से थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले नहीं हो पाए हैं। पूर्ववर्ती सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों के लिए आवेदन मांगे थे लेकिन तबादले नहीं किए।

लंबे समय से चली आ रही नई तबादला नीति की मांग

प्रदेश में करीब 30 साल से कर्मचारियों के तबादलों को लेकर नई तबादला नीति बनाने की मांग चली आ रही है। सरकारें आती हैं। तो तबादला नीति की कवायद भी शुरू होती है लेकिन बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। इस बार भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही तबादला नीति का ड्रॉफ्ट तैयार करवाया है।

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