राजस्थान हाईकोर्ट ने आठ साल पुरानी जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने यह स्पष्ट किया है। विभाग ने जवाब पेश कर बताया कि एससी एवं एसटी परिवारों का पुनर्वास प्लान बनाया गया है। अधिसूचना जारी करके इसे लागू भी किया जा चुका है। विभाग के जवाब के आधार पर हाईकोर्ट ने दलित अधिकार केंद्र की याचिका को निस्तारित कर दिया।
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अधिसूचना के अनुसार अब उत्पीड़न का शिकार परिवार को सरकार मुफ्त इलाज, खाद्यान्न, सुरक्षा, बच्चों को शिक्षा और आवास सुविधा उपलब्ध कराएगी। परिवार के पलायन करने पर उसके पुनर्वास के लिए आवासीय पट्टा, कुल वार्षिक आय साठ हजार रुपए से कम होने पर दो बीघा जमीन, बच्चों को स्नातक तक नि:शुल्क शिक्षा, स्वरोजगार के लिए दो लाख रुपए तक का ब्याजमुक्त ऋण, उचित मूल्य की दुकान या डेयरी बूथ का आवंटन, मृतकों के आश्रितों को प्रतिमाह 5 हजार रुपए पेंशन व राज्यकर्मियों की तरह महंगाई राहत भी दिया जाएगा।