
मानहानि मुकदमों में कोर्ट फीस अब अधिकतम 25 हजार रुपए
जयपुर. मानहानि का मुकदमा दायर करने पर वादी को अब कोर्ट फीस के तौर पर अधिकतम 25 हजार रुपए राशि ही चुकानी होगी। विधानसभा ने शुक्रवार को इस आशय के प्रावधान वाला राजस्थान न्यायालय फीस तथा वाद मूल्यांकन (संशोधन) विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया।
विधयेक पर हुई बसह का जवाब देते हुए विधि मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि गरीब लोग अधिक फीस के कारण मुकदमा नहीं कर पाते। गरीब और पीडि़त के मान-सम्मान को कायम रखने के लिए यह विधेयक लाया गया है। इससे पहले, विधेयक पर हुई बहस में विपक्षी और अन्य सदस्यों के मत बंटे हुए दिखे।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, वासुदेव देवनानी अशोक लाहोटी, बिहारी लाल ने कहा कि फीस कम होने के कारण बिना कारण वादों में बढ़ोतरी होगी। पहले ही बड़ी संख्या में वाद न्यायालयों में लंबित हैं। इससे मुकदमों की बाढ़ आ जाएगी। यह एक ‘फ्लड गेट’ खोलने जैसा है। जबकि किरण माहेश्वरी और अनीता भदेल ने अन्य सदस्यों ने फीस को और कम करने की वकालत की।
स्वतंत्र लेखनी पर बंधन
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और भाजपा के रामलाल ने इस विधेयक को अखबारों की स्वतंत्र लेखनी पर बंधन का प्रयास बताया। राठौड़ ने कहा कि यह बेबाक टिप्पणी करने वालों पर अंकुश का प्रयास है।
फर्जी मुकदमे करने वालों पर हो कार्रवाई
निदर्लीय संयम लोढ़ा और भाजपा के मदन दिलावर ने कोर्ट फीस की सीमा तय करने का समर्थन किया, लेकिन फर्जी मुकदमे दायर करने वालों पर कार्रवाई की मांग भी की। लोढ़ा ने कहा कि सरकार विधेयक में यह प्रावधान भी करे कि यदि मुकदमा फर्जी पाया जाता है तो मजिस्ट्रेट को परिवादी पर शास्ति आरोपित करने का अधिकार होगा। इससे मुकदमों मे बढ़ोतरी की आशंका को समाप्त किया जा सकेगा।
Published on:
13 Mar 2020 09:51 pm
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