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मुर्गियों में बर्ड फ्लू रोग की पुष्टि नहीं, मुर्गीपालन व्यवसाय सुरक्षित

locationजयपुरPublished: Nov 22, 2021 10:06:47 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

राज्य में कुरजां और कौओं की एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस से मौत होने के मध्य मुर्गियों में फिलहाल बर्ड फ्लू रोग की पुष्टि नहीं हुई है और मुर्गीपालन व्यवसाय पूरी तरह सुरक्षित है। पशुपालन विभाग ने एहतिहात बरतते हुए सभी जिलों में रेपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन कर राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया है।

मुर्गियों में बर्ड फ्लू रोग की पुष्टि नहीं, मुर्गीपालन व्यवसाय सुरक्षित

मुर्गियों में बर्ड फ्लू रोग की पुष्टि नहीं, मुर्गीपालन व्यवसाय सुरक्षित

राज्य में कुरजां और कौओं की एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस से मौत

पशुपालन विभाग ने किया रेपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन
राज्य स्तर पर स्थापित किया कंट्रोल रूम
जयपुर। राज्य में कुरजां और कौओं की एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस से मौत होने के मध्य मुर्गियों में फिलहाल बर्ड फ्लू रोग की पुष्टि नहीं हुई है और मुर्गीपालन व्यवसाय पूरी तरह सुरक्षित है। पशुपालन विभाग ने एहतिहात बरतते हुए सभी जिलों में रेपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन कर राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया है।
आसपास के क्षेत्रों में करवाई फोगिंग
पशुपालन विभाग की शासन सचिव डॉ.आरूषि मलिक ने बताया कि प्रदेश में हाल ही में जोधपुर, पाली और जयपुर जिले के सांभर क्षेत्र में प्रवासी पक्षियों सहित कौओं की मौत हुई है। जोधपुर जिले में प्रवासी पक्षी कुरजां की मौत राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार एवियन इन्फ्लूएंजा से होना पाया गया था। इसके बाद आसपास के क्षेत्रों मे फोगिंग करवाई गई है और नजदीकी विभागीय संस्थाओं को अलर्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि विभागीय स्तर से चिकित्सा दल तैनात किए जा चुके हैं, जिनके द्वारा बीमार पक्षियों की चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। जयपुर जिले के सांभर क्षेत्र में सोमवार को पांच कौओं और एक.एक मैना, रूफस ट्रिपी सहित 7 पक्षियों की मौत हुई है। सांभर क्षेत्र में मृत पाए गए कौओं के 4 नमूने राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल भिजवाए गए थे। वहां से आज प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 3 कौओं में एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस होना पाया गया है।
जिला कलेक्टरों को लिखा पत्र
डॉ. मलिक ने बताया कि प्रभावी मॉनिटरिंग और तुरन्त कार्यवाही के लिए सभी जिलों में रेपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन किया गया है। सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। उन्होंने मुर्गीपालकों से अपील करते हुए कहा कि वे पक्षियों के बाड़े की साफसफाई रखें और अपने घरों की छतों या आसपास मृत पक्षी दिखाई देने पर तुरन्त विभाग को सूचित कराएं।

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