
जयपुर। राजधानी जयपुर में बीसलपुर बांध ( Bisalpur dam ) से आ रही जलापूर्ति शहरवासियों की प्यास बुझा रही है। वहीं जिले के ग्रामीण इलाकों को भी बनास जलापूर्ति से जोड़ा तो गया है लेकिन अब भी ग्रामीण खंड के बाशिंदों को पीने के पानी का इंतजाम करने में मशक्कत करनी पड़ रही है। जिले के दूदू विधानसभा क्षेत्र की कई पंचायत समितियों में विभाग ने करोड़ों रुपए खर्च कर बनास जलापूर्ति के इंतजाम किए लेकिन धरातल पर अब भी दर्जनों गांवों ढाणियों को बीसलपुर पानी मिलने का इंतजार है। नई पेयजल स्कीमों का फाइलों में काम पूरा होने के बावजूद जलापूर्ति बाधित रहने की शिकायत विभाग के आलाधिकारियों तक पहुंचने के बाद अब उच्च स्तरीय जांच भी शुरू हो गई है।
जानकारी के अनुसार दूदू विधानसभा क्षेत्र की पांच ग्रामीण जल योजना के लिए विभाग ने बीते चार साल में करीब ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा राशि स्वीकृत की थी। इसमें खंड के अणतपुरा, भंभोरिया की ढाणी, बासड़ा, मोखमपुरा और नासनोदा पंचायत क्षेत्र में पेयजल स्कीम का काम मैसर्स बालाजल कंस्ट्रक्शन कपंनी महेशवास को दिया गया। ग्रामीण खंड में हुए कार्यों की मॉनीटरिंग में लापरवाही की शिकायत विभाग के प्रमुख शासन सचिव तक पहुंची जिसके बाद विभाग के मुख्य अभियंता ग्रामीण सीएम चौहान ने एसई जिलावृत्त को जांच कर मामले की रिपोर्ट मांगी है। शिकायत में बताया गया है कि उपरोक्त पेयजल स्कीम में ठेका फर्म के कार्यों में घोर लापरवाही बरतने व अधिकांश पेयजल स्कीम आंशिक रूप से ही शुरू होने की बात सामने आई है। ऐसे में करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद दूदू विधानसभा क्षेत्र की पंचायत समितियों में सरकारी जलापूर्ति सिस्टम प्रभावित है।
गौरतलब है कि दूदू खंड को बीसलपुर प्रोजेक्ट तक तहत बनास जलापूर्ति से जोड़ा गया है। क्षेत्र में फ्लोराइड व पेयजल किल्लत की गंभीर समस्या के चलते विभाग ने जल योजना के तहत कार्य कराए लेकिन अब भी हालात जस के तस बने हुए हैं। बीते दिनों अधीक्षण अभियंता जिलावृत्त आनंद प्रकाश मीणा ने खंड की पेयजल स्कीमों के कार्यों का अवलोकन कर जांच भी शुरू की है।
इन योजना में इतना हुआ खर्च
—ग्रामीण जल योजना अणतपुरा— 24 लाख, 13 हजार 755 रुपए
— ग्रामीण जल योजना भंभोरिया की ढाणी— 35 लाख 60 हजार 348 रुपए
— ग्रामीण जल योजना बासड़ा— 35 लाख 90 हजार 309 रुपए
— ग्रामीण जल योजना मोखमपुरा— 45 लाख 55 हजार 900 रुपए
— ग्रामीण जल योजना नासनोदा — 65 लाख 49 हजार 777 रुपए
इनका कहना है— ग्रामीण खंड की सभी पेयजल योजनाओ की समीक्षा की जा रही है। कार्यों में यदि किसी फर्म की लापरवाही पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। आनंद प्रकाश मीणा, एसई, जिलावृत्त पीएचईडी
Updated on:
08 Nov 2019 02:36 pm
Published on:
08 Nov 2019 02:34 pm
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