
जयपुर। जयपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने बुधवार को कार्रवाई करते हुए नीमकाथाना ब्लॉक के सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग के सहायक प्रोग्रामर को बीस हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। छावनी के वार्ड नंबर 17 निवासी अब्दुल खलील कुरेशी पुत्र अलीमुद्दीन कुरेशी ने परिवादी को उसकी बंद हुई आधार मशीन की आईडी को फिर से चालू करने की एवज में 30 हजार रुपये की रिश्वत मांग कर परेशान कर रहा था। जिसकी शिकायत सत्यापन में सही पाये जाने पर जयपुर की एसीबी टीम ने पंचायत समिति में अपना जाल बिछाया। जैसे ही प्रोग्रामर ने 20 हजार रुपये की रिश्वत लेकर पेंट की जेब में रखे तो एसीबी ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुलदीप के निर्देशन में शिकायत का सत्यापन किया जाकर उप अधीक्षक पुलिस राजेन्द्र कुमार मीणा, उप अधीक्षक पुलिस सुरेश कुमार स्वामी एवं उनकी टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया।
यहां मुद्रा लोन खाते के लिए एनओसी के एवज में मांगे थे 20 हजार रुपये
सीकर जिले के अजीतगढ़ कस्बे के हरदास का बास गांव में एसीबी की टीम ने पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर व बाबू को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। जयपुर के कोटपूतली निवासी बैंक मैनेजर विजय मीणा ने परिवादी सागरमल सोनी के मुद्रा लोन का खाता बंद होने पर एनओसी जारी करने की एवज में रिश्वत की मांग की थी। जिसकी शिकायत का सत्यापन होने पर जयपुर की एसीबी टीम ने बुधवार को बैंक में अपना जाल बिछाया। रिश्वत के पांच हजार रुपए लेकर मैनेजर ने यहां ज्यों ही बाबू मयंक गौड़ को दिए वैसे ही एसीबी ने दोनों को रंगे हाथ दबोच लिया। एएसपी पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि एसीबी की टीम दस्तावेज खंगलाने के साथ आरोपियों के आवास व अन्य ठिकानों पर छापामार कार्रवाई में जुटी है। कार्रवाई में पुलिस निरीक्षक शिवराज सिंह व अतिरिक्त पुलिस निरीक्षक सुभाष मील भी सहयोगी रहे।
पति-पत्नी ने लिया था एक लाख का लोन
एएसपी राठौड़ ने बताया कि परिवादी हरदास का बास निवासी सागर मल सोनी ने पत्नी के साथ पीएनबी बैंक से 50-50 हजार रुपए का मुद्रा लोन लिया था। जिसकी जनवरी महीने से किश्त बकाया हो गई। इसे लेकर बैंक ने दबाव बनाया तो अगस्त महीने में उसका 38 हजार रुपए चुकाने का समझौता हो गया। पर बैंक मैनेजर ने खाता खोलने व एनओसी देने के लिए उससे रिश्वत की मांग कर ली।
1 से 20 हजार तक पहुंची मांग
एएसपी ने बताया कि अनुसार बैंक मैनेजर ने एनओसी की एवज में पहले सागरमल से एक हजार रुपए की मांग की। दुबारा बैंक जाने पर दो लोन की 10-10 यानी 20 हजार रुपए की मांग की गई। ऐसे में तंग आकर परिवादी सागरमल ने इसकी शिकायत जयपुर एसीबी में कर दी। जिसका एसीबी ने सोमवार को सत्यापन करवाया तो उसमें सौदा पांच हजार रुपए में तय हुआ। इसके बाद आरोपी को रंगे हाथों पकडऩे के लिए एसीबी ने आज बैंक में अपना जाल बिछाया और रिश्वत के रुपये लेकर हनुमानगढ़ के रावतसर निवासी बाबू मयंक को देते ही दोनों को दबोच लिया।
Published on:
13 Oct 2022 12:05 am
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