राजस्थान ने रचा कीर्तिमान…शुरू हुई 5जी सर्विस, दिसंबर तक हर तहसील में होगी कनेक्टिविटी
जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार ने समय पर बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम का लाइसेंस नहीं दिया। जब कर्मचारियों ने कई धरने—प्रदर्शन किए तो उसके बाद लाइसेंस तो दे दिया, लेकिन उस पर एक शर्त लगा दी कि स्पेक्ट्रम के इक्वीपमेंट यानी तकनीक भारत से ही खरीदनी होगी। यह शर्त केंद्र सरकार ने सुरक्षा से जोड़ते हुए लगाई थी। जबकि निजी कंपनियों पर किसी तरह की पाबंदी नहीं हैं। यही कारण है कि निजी कंपनियां चाइना या अन्य देशों से इक्वीपमेंट खरीदकर 5जी सर्विस भी लॉन्च कर चुकी हैं। वहीं, बीएसएनएल का 4जी अब तक अटका हुआ है।
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टीसीएस को दिया था जिम्मा, अब तक नहीं हुई सप्लाई
बता दें कि 5जी की टेक्नॉलोजी डवलप करने का जिम्मा टीसीएस को दिया गया था। कई महीनों के बाद टीसीएस ने इक्वीपमेंट बनाया, लेकिन वह ट्रायल में सही से काम नहीं कर पाया। सूत्रों की मानें तो अभी तक इसकी पूरी तरह से सप्लाई भी नहीं हो पाई है। यही कारण है कि अभी तक बीएसएनएल का 4जी और 5जी अटका हुआ है। 4जी के बाद ही 5जी लॉन्च होने का रास्ता खुलेगा।
सरकारी कंपनियों को आगे आना चाहिए: सीएम गहलोत
रिलायंस जियो 5जी सर्विस के लॉन्च के मौके पर मीडिया से बातचीत में एक सवाल के जवाब में सीएम गहलोत ने कहा कि सरकारी कंपनियों को भी पीछे नहीं रहना चाहिए। उन्हें भी प्रतिस्पर्धा में आगे आना चाहिए। ऐसा होना पर क्वालिटी में ज्यादा सुधार होगा। सीएम ने कहा कि उनका मानना है कि बीएसएनएल को भी आगे आना चाहिए।
बीएसएनएल डूबी तो मनमाने हो जाएंगे टैरिफ: जैन
बीएसएनएल एम्पलॉइन यूनियन के राष्ट्रीय संगठन सचिव पीके जैन ने बताया कि केंद्र सरकार ने बीएसएनएल के हाथ बांध रखे हैं। संसद में पैकेज की घोषणा तो कर देते हैं, लेकिन शर्त लगा देते हैं कि पैसा कहां खर्च किया जाएगा। अधिकारी काम तो करना चाहते हैं, लेकिन नीतियां कमजोर हैं। उन्होंने कहा कि यदि बीएसएनएल डूब जाएगी तो प्राइवेट कंपनी मनमाने टैरिफ वसूलेगी। इसलिए जरूरी है कि सरकारी कंपनी मार्केट में रहे।