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अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने संसद में प्रस्तुत केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट को दिशाहीन एवं निराशाजनक बताते हुए कहा है कि भाजपा सरकार के विगत् 10 वर्षों के महिमा मण्डन के अतिरिक्त इस बजट में कुछ भी नया नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री ने अपने बजट भाषण में 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का दावा तो किया है परन्तु यह स्पष्ट नहीं किया कि यदि यह आंकड़ा 25 करोड़ है तो इसमें यूपीए सरकार के समय के 14 करोड़ गरीब भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज दे रही है, करीब 8 करोड़ लोगों द्वारा आयकर रिटर्न भरना दिखा रही है, जो मध्यम और उच्च वर्ग के है। ऐसी स्थिति में किन लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया है, यह यक्ष प्रश्न है।
पायलट ने कहा कि आयुष्मान भारत का दायरा खाद्य सुरक्षा से बढ़ाकर यूनिवर्सल करने की कांग्रेस की मांग को इस अंतरिम बजट में अनदेखा कर आम नागरिकों के स्वास्थ्य की अनदेखी की गई है। पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी कम नहीं करना, मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स में छूट नहीं देना, किसानों को राहत देने की कोई ठोस घोषणा नहीं करना भाजपा सरकार की जनविरोधी नीति का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि जीडीपी को लेकर सरकार भले ही अपनी पीठ थपथपा ले परन्तु जब तक जीडीपी और रोजगार का रिश्ता नहीं बनेगा तब तक बेरोजगारी पर नियंत्रण किया जाना मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि मंहगाई, बेरोजगार, कम कृषि पैदावार जैसे मुद्दों को अंतरिम बजट में शामिल नहीं करने से गरीबों, युवाओं, किसानों को घोर निराशा हुई है। सरकार कुछ भी करें परन्तु देश का युवा रोजगार नहीं मिलने से, किसान अपनी आमदनी खर्च के अनुपात में नहीं बढ़ने से और लघु, मध्यम उद्योग गिरती आर्थिक हालत से परेशान है।
Published on:
01 Feb 2024 08:19 pm
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