
युवा दिवस विशेष: देश के 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उम्र 50 साल से कम, अनुभव का तोड़ नहीं पर युवा सीएम भी दिखा रहे दम
भारत युवाओं का देश भले हो लेकिन यहां की राजनीति अब भी अनुभवी नेताओं के इर्दगिर्द घूमती है। प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की बात हो या केंद्रीय मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्रियों की। प्रमुख पदों पर आसीन देश के अधिकांश नेता 60 पार के आयुवर्ग में आते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 80 साल के हैं तो भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा 62 साल से ऊपर हैं।
बसपा प्रमुख मायावती 66 बसंत देख चुकी हैं तो माकपा प्रमुख सीताराम येचुरी की उम्र 70 पार है। मुख्यमंत्रियों की बात करें तो केरल के पी. विजयन और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक 77वें साल में चल रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, नागालैण्ड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पुदुचेरी के मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी भी 70 साल की आयु पार कर चुके हैं। इन प्रदेशों में दूसरे दलों की सरकार बनने पर भी प्राय: वरिष्ठ नेताओं को ही कमान संभालने का मौका मिलता रहता है। ऐसे में युवाओं के देश की राजनीति में पद की दौड़ में युवाओं की डगर थोड़ी कठिन जान पड़ती है।
इस सबके बावजूद जहां चाह वहां राह वाली बात भी खूब सटीक बैठती है। वरिष्ठ नेताओं के दबदबे के बीच देश में आज भी कई नेता ऐसे हैं जिन्होंने 50 साल से कम उम्र में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। ऐसे कई मुख्यमंत्री तो दूसरे कार्यकाल में आ रहे हैं। उत्तरप्रदेश के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ ने 44 साल की उम्र में यह पद संभाला था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 47 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बने थे। वहीं हाल के वर्षों में देखें तो अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू 37 साल की उम्र में ही मुख्यमंत्री बन गए थे। खांडू अभी भी मुख्यमंत्री हैं। वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहली बार 38 की उम्र में मुख्यमंत्री बने थे। प्रमोद सावंत 46 साल की उम्र में गोवा के सीएम बने। जबकि जगन मोहन रेड्डी 47 साल की उम्र में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे।
युवा चेहरों बनाई पहचान
जिन राज्यों में राजनीतिक पार्टियों ने युवा चेहरों को स्थान दिया है, वहां उन युवाओं ने अपनी अलग पहचान बनाई है। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने ग्रामीण आंध्रप्रदेश में यात्रा निकालकर जनता का दिल जीता। अब हाल ये हैं कि दूसरी पार्टियों के पास फिलहाल जगनमोहन का तोड़ नहीं हैं। यूपी में योगी आदित्यनाथ कानून-व्यवस्था के दम पर लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। अरविंद केजरीवाल भी लगातार दिल्ली की जनता का दिल जीत रहे हैं। पेमा खांडू स्थानीय राजनीतिक समीकरणों से तो प्रमोद सावंत युवा चेहरे के नाम पर मुख्यमंत्री बने। अधिकांश युवा मुख्यमंत्री लगातार दूसरी पारी में आ चुके हैं। ऐसे में पार्टियों के लिए युवा अपरिहार्य बनते जा रहे हैं। हालांकि कई बड़े नेता खुलकर वरिष्ठता की पैरवी करते हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों बकायदा बयान दिया था कि युवाओं की रगड़ाई जरूरी है।
अरुणाचल प्रदेश पेमा खांडू 43 वर्ष
मेघालय कॉनराड कोंगकल संगमा 45 वर्ष
झारखंड हेमंत सोरेन 47 वर्ष
उत्तराखंड पुष्करधामी 47 वर्ष
गोवा प्रमोद सावंत 49 वर्ष
उत्तरप्रदेश योगी आदित्यनाथ 50 वर्ष
आंध्रप्रदेश जगनमोहन रेड्डी 50 वर्ष
Published on:
12 Jan 2023 06:46 pm
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