
जयपुर। अपने मासूम बच्चों को छुड़वाने की माता-पिता की जिद, स्वयंसेवी संस्थाओं की मेहनत और पुलिस के सहयोग से चेन्नई में बंधक बनाकर रखे गए मासूमों को आखिर छुड़वा ही लिया गया। कानूनी कार्रवाई पूरी होने के बाद जल्द ही बच्चे जयपुर आ जाएंगे। बच्चों को हाल ही में मदुरैई जिले से 40 किलोमीटर दूर एक ईट भट्टे से छुड़वा लिया गया। बच्चों की पहचान के बाद पिता कृष्णा बच्चों को लेने के लिए रवाना हो गए।
यूं मिले तीनों बच्चे
वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर फॉर चाइल्ड (स्नेह आंगन) के राज्य समन्वयक विजय गोयल ने तमिलनाडु में बच्चों के क्षेत्र में काम कर रही संस्था एक्शन एड को मामले की जानकारी दी। एक्शन एड संस्था ने स्थानीय संस्था सोको ट्रस्ट के साथ मिलकर ईट भट्टों पर बच्चों के तलाश की। संस्था को मदुरैई से 40 किलोमीटर दूर एक भट्टे पर बच्चे मिले। संस्था के कार्यकर्ताओं ने बच्चों की तस्वीर जयपुर भेजी। यहां स्नेह आंगन के कार्यकर्ताओं ने पिता कृष्णा से पहचान करवाई। पहचान होने के बाद वहां पुलिस व प्रशासन के साथ मिलकर बच्चों को छुड़वाया गया। स्नेह आंगन के विजय गोयल ने बताया कि बच्चों खराब हालत में मिले। उनके साथ मारपीट व यौनहिंसा भी हुई थी। फिलहाल बच्चे वहां की बाल कल्याण समिति के पास हैं। 10 हजार रुपए मांग रहा था ठेकेदार मुकेश उन तीनों बच्चों को छोडऩे के लिए, तब से पति-पत्नी बच्चों को वापस लाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
यह था मामला
मूलत: कूचबिहार के निवासी पति कृष्णादास अपनी पत्नी मंजू व तीन बच्चों के साथ कई वर्षों से जयपुर में मजदूरी कर रहा है। लेकिन, ज्यादा मजदूरी के लिए फरवरी माह में पूरा परिवार चेन्नई चला गया। कृष्णादास ने बताया चेन्नई व मुदरैई के बीच में बिहार के ही एक ठेकेदार ने छह हजार प्रतिमाह व खाना-पीना के हिसाब से काम दे दिया। इसके बाद ठेकेदार सबसे बड़ी बेटी सुषमा (13) (परिवर्तित नाम) के साथ छेड़छाड़ करने लगा। गर्भवती होने के कारण जून माह में पत्नी मंजू की तबीयत बिगड़ गई। अस्पताल ले जाने के लिए ठेकेदार से रूपए मांगे तो उसने धक्के मार निकाल दिया।
Updated on:
24 Aug 2017 11:31 am
Published on:
24 Aug 2017 11:28 am
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