scriptसाहित्य जगत के प्रखर आलोचक नामवर सिंह के निधन पर CM अशोक गहलोत ने जताया शोक | CM Ashok Gehlot Condolence on Literary critic Namvar Singh Death | Patrika News
जयपुर

साहित्य जगत के प्रखर आलोचक नामवर सिंह के निधन पर CM अशोक गहलोत ने जताया शोक

साहित्य जगत के प्रखर आलोचक नामवर सिंह के निधन पर CM अशोक गहलोत ने जताया शोक

जयपुरFeb 20, 2019 / 01:00 pm

rohit sharma

cm gehlot

cm gehlot

जयपुर।

साहित्य जगत के प्रखर आलोचना के शिखर पुरुष नामवर सिंह नहीं रहे। प्रसिद्ध शोधकार-समालोचक नामवर सिंह ने मंगलवार देर रात दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली। Namvar Singh के निधन पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दुःख जताया है।

मुख्यमंत्री Ashok Gehlot ने अपने ट्विटर एकाउंट पर ट्वीट करते हुए हिन्दी के शीर्षस्थ शोधकार-समालोचक, निबन्धकार नामवर सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
सीएम गहलोत ने लिखा है कि ” प्रख्यात साहित्यकार एवं समालोचक डॉ. नामवर सिंह जी के निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं। उन्होंने आलोचना के माध्यम से हिंदी साहित्य को नए आयाम दिए, उनका देहांत हिन्दी साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति दें।”

https://twitter.com/ashokgehlot51/status/1098095712166989824?ref_src=twsrc%5Etfw
बता दें कि नामवर सिंह उपन्यास लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी के प्रिय शिष्‍य भी रहे हैं। अत्यधिक अध्ययनशील तथा विचारक प्रकृति के नामवर सिंह हिन्दी में अपभ्रंश साहित्य से आरम्भ कर निरन्तर समसामयिक साहित्य से जुड़े हुए आधुनिक अर्थ में विशुद्ध आलोचना के प्रतिष्ठापक तथा प्रगतिशील आलोचना के प्रमुख हस्‍ताक्षर थे।
नामवर सिंह का जन्म 28 जुलाई 1926 को बनारस (वर्तमान में चंदौली ज़िला) के एक गाँव जीयनपुर में हुआ था। उन्होंने हिन्दी साहित्य में एमएम व पीएचडी की डिग्री करने के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। साथ ही उन्होंने राजस्थान के जोधपुर विश्वविद्यालय में भी अध्यापन का कार्य भी किया।
नामवर सिंह ने सन 1959 में चकिया चन्दौली के लोकसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार रूप में चुनाव लड़ा लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके। नामवर सिंह को साहित्य अकादमी पुरस्कार, शलाका सम्मान हिंदी अकादमी, साहित्य भूषण सम्मान समेत कई बड़े पुरस्कारों से भी नवाजा गया।
सिंह की प्रसिद्ध कृतियों में संक्षिप्त पृथ्वीराज रासो – 1952 (आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के साथ), पुरानी राजस्थानी – 1955 (मूल लेखक- डाॅ० एल.पी.तेस्सितोरी; अनुवादक – नामवर सिंह), चिन्तामणि, कार्ल मार्क्स : कला और साहित्य चिन्तन, नागार्जुन : प्रतिनिधि कविताएँ, मलयज की डायरी (तीन खण्डों में), आधुनिक हिन्दी उपन्यास भाग-2 समेत कई कृतियां शामिल हैं।
नामवर सिंह हिंदी आलोचक के साथ-साथ पत्रकारिता जगत में जनयुग और आलोचना नाम की दो हिंदी पत्रिकाओं के वह संपादक भी रहे। उन्होंने हिन्दी आलोचना को नयी पहचान दिलाई। वह वास्तव में नामवर आलोचक थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो