सीएम गहलोत बोले, विकास के लिए शांति और सद्भावना का वातावरण आवश्यक

CM Ashok Gehlot: सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि शांति और अहिंसा हमारी संस्कृति का आधार हैं। शांति और अहिंसा से ही समाज में आपसी प्रेम, सद्भाव और भाईचारा कायम रह सकता है।

<p>सीएम गहलोत बोले, विकास के लिए शांति और सद्भावना का वातावरण आवश्यक</p>

जयपुर। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि शांति और अहिंसा हमारी संस्कृति का आधार हैं। शांति और अहिंसा से ही समाज में आपसी प्रेम, सद्भाव और भाईचारा कायम रह सकता है। उन्होंने कहा कि अशांति, हिंसा और तनाव के वातावरण में विकास संभव नहीं है। दुनिया के अनेक देशों के उदाहरण हैं जहां हिंसा से पूरी मानवता पर खतरा पैदा हुआ है। सीएम रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश के सभी जिलों में शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के कार्यालयों के उद्घाटन समारोह को वीसी के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।

सीएम गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सत्य, शांति, अहिंसा और सत्याग्रह के आधार पर देश को आजादी दिलाने के लिए लंबा संघर्ष किया। गहलोत ने भारतीय उपमहाद्वीप में शांति स्थापित करने के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के प्रयासों का भी उल्लेख किया। इस अवसर पर उन्होंने हिंसा का विरोध करने तथा आपसी सद्भाव कायम रखने की शपथ दिलाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है जहां शांति और अहिंसा विभाग का गठन किया गया है। इसके साथ ही, ब्लॉक स्तर पर इस विभाग के द्वारा लोगों को इस संबंध में प्रशिक्षित भी किया गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पाली जिले के कलक्टर कार्यालय में पंचधातु से निर्मित प्रतिमा का अनावरण भी किया।

शांति और अहिंसा विभाग राज्य सरकार की अभिनव पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2022 में शान्ति और अहिंसा विभाग की स्थापना की। इसका उद्देश्य गांव-ढाणी और प्रत्येक प्रदेशवासी तक शांति और अहिंसा की भावना विकसित करना है।

ये जुड़े कार्यक्रम से
पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने कहा कि गांधीजी के अहिंसावादी विचार समाज में आज भी प्रासंगिक हैं। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली, पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा, मुख्य सचिव उषा शर्मा, शांति एवं अहिंसा विभाग के शासन सचिव नरेश ठकराल, गांधीवादी विचारक कुमार प्रशांत, जी एस बाफना, धर्मवीर कटेवा, सभी संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर कार्यक्रम से जुड़े।

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