
PM Modi Rajasthan Visit: यह प्रोजेक्ट सीधे 21 जिलों की 3.45 करोड़ आबादी से जुड़ा हुआ है। इन जिलों में 85 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इसलिए राज्य सरकार भी पीएम मोदी के सामने एमओए पर हस्ताक्षर कराने की इच्छुक है। केन्द्र सरकार के लिए भी यह बड़ा प्रोजेक्ट है। एमओए का मतलब दोनों राज्य प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए तैयार हैं। प्रोजेक्ट लागत से लेकर पानी आवंटन तक का हिस्सा इसमें तय हो गया। इससे पहले मोदी प्रोजेक्ट के पहले फेज का शिलान्यास करेंगे।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने दो दिन पहले सूरत में कहा था कि पीएम मोदी राजस्थान में 11 नदियों को जोड़ने के लिए प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे। इसके जरिए राजस्थान को जल-अधिशेष वाला राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, अजमेर, टोंक, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, गंगापुरसिटी, ब्यावर, केकड़ी, कोटपूतली-बहरोड़, दूदू, खैरथल-तिजारा, डीग व जयपुर ग्रामीण में पानी पहुंचाया जाएगा। वहीं, 158 बांध-तालाब व अन्य जल स्रोतों को भी भरा जाएगा। इसके लिए 600 मिलीयन क्यूबिक मीटर पानी रिजर्व रखेंगे।
पहला चरण चार साल में पूरा होगा। इसमें नवनेरा बैराज से बीसलपुर और ईसरदा तक पानी लाया जाएगा। इसके तहत रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नौनेरा में नहरी तंत्र और पपिंग स्टेशन, मेज नदी पर पपिंग स्टेशन बनाया जाएगा। साथ ही 2.6 किलोमीटर लंबी टनल भी तैयार होगी। बीसलपुर बांध में 11.2 टीएमसी और ईसरदा में 10.5 टीएमसी पानी दिया जाएगा। इससे कोटा, बूंदी, टोंक, जयपुर, सवाईमाधोपुर, दौसा, अजमेर जिले के लोग लाभान्वित होंगे। कूल नदी, पार्वती नदी व कालीसिंध नदी के अतिरिक्त जल को नवनेरा बैराज पर पपिंग द्वारा नहर एवं चबल नदी पर नहर का निर्माण कर राज्य के अन्य क्षेत्रों में भेजा जाएगा।
Published on:
17 Dec 2024 08:05 am
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