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जयपुर में कंटेंटमेंट जोन घोषित करने की चर्चा पर बोले जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा

जिला कलेक्टर जयपुर ने कंटेंटमेंट जोन की स्थितियों को लेकर रखी अपनी बात

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जयपुर में कंटेंटमेंट जोन घोषित करने की चर्चा पर बोले जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा

जयपुर में कंटेंटमेंट जोन घोषित करने की चर्चा पर बोले जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा

सुरेंद्र बगवाड़ा , जयपुर

राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को अपने स्तर पर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कंटेंटमेंट जोन ( containment zones )
घोषित करने के निर्देश दिए है। इसके बाद से ही लगातार आमजन में चर्चा है कि कहीं लॉकडाउन तो नहीं लगेगा। या फिर एक व्यक्ति के संक्रमण पर पूरी कॉलोनी बंद तो नहीं होगी? ऐसी ही आमजन की जिज्ञासाओं को लेकर मंगलवार को जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने अपनी बात रखी।

कंटेंटमेंट जोन होंगे तो लगाएंगे ना

नेहरा ( Antar Singh Nehra IAS ) ने बताया कि कंटेंटमेंट जोन होंगे तो लगाएंगे ना। जोन की परिभाषा है कि एक एरिया में काफी संख्या में लोग संक्रमित आए। संक्रमण ज्यादा है तो कंटेंटमेंट जोन बनाना है। यदि एक घर के 100 मीटर में कंटेंटमेंट जोन बनाएंगे तो 700 घरों में कितने किलोमीटर हो जाएंगे। ऐसी परिस्थितियों में क्या लॉकडाउन लगा दिया जाए? ये प्रैक्टिकल देखना होता है कि आदमी बाहर नहीं निकले। वैसे लोग जागरूक है? 95 प्रतिशत से अधिक रिकवरी रेट है। आरयूएचएस में रोजाना 100 लोग डे—केयर लाभ उठा रहे है।

एक संक्रमित से पूरी कॉलोनी पाबंद नहीं

कलेक्टर नेहरा ने बताया कि कंटेंटमेंट जोन का निर्णय अप्रेल से ही चला रहा है। पहले एक—एक किलोमीटर तक थे। तीन किमी तक बफर किया। संक्रमण के नंबर बढे तो कम किए गए। अब यदि एक मकान में संक्रमित आ रहा है तो पूरी कॉलोनी को कंटेंटमेंट जोन करने से कोई मतलब नहीं है। अब पोस्टर लगाकर पाबंद किया जा रहा है। वहीं एक ही जगह अधिक संख्या में संक्रमित आएंगे तो कंटेंटमेंट जोन घोषित करने के निर्देश दिए है।

बीट कॉन्स्टेबल करेंगे लगातार चैक

ये जरूर है कि कुछ दिनों से संक्रमितों के घरों के बाहर कोविड—19 का पोस्टर चस्पा करने में ढिलाई हुई है। लेकिन अब चिकित्सा अधिकारियों को फिर से निर्देश दे दिए गए है। साथ ही पुलिस थाने के बीट कॉन्स्टेबल लगातार चैक करेंगे। समझाइश करेंगे ताकि संक्रमित बाहर नहीं निकले।

जितना कर सकते थे, उसे ज्यादा किया काम

प्रशासन की लापरवाही पर जिला कलेक्टर ने कहा कि किसी की भी लापरवाही नहीं है। जो लापरवाही बता रहे है वे प्रैक्टिकल सॉल्यूशन भी सामने लाए। जिला प्रशासन स्तर पर जितने रिर्सोसेज है, उतने कार्य कर रहे है। मेरे 40 फीसदी कार्मिक पॉजिटिव आए है। जितना कर सकते थे, उतने ज्यादा काम किया है। कार्मिक 24 घंटे की नौकरी कर रहे है। एक व्यक्ति के कहने पर लापरवाही नहीं हो जाती है, बाकी 700 लोगों से भी पूछिए कि प्रशासन ने उनके लिए क्या—क्या किया है। आरयूएचएस में वेंटिलेटर और आईसीयू के बेड बढाए गए है।

जनता प्रोटोकॉल की पालना करें

कलेक्टर ने कहा कि जनता में भय खत्म हो गया है। वे बाहर निकल रहे है। कोविड प्रोटोकॉल की पालना करें तो रोकथाम हो सकती है। वैसे जनता ने सहयोग भी किया। और अपेक्षा है कि मास्क पहनें। सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें।

एसीपी घोषित कर सकते है कंटेंटमेंट जोन

यदि इंसीडेंट कमांडर चुनाव डयूटी या पॉजिटिव होने से उपलब्ध नहीं है। तो ऐसी स्थिति में एसीपी उसकी जगह लेकर मेडिकल अधिकारी से बात कर कंटेंटमेंट जोन का निर्धारण कर सकते है। इसके लिए नायब तहसीलदार व तहसीलदार से भी चर्चा कर सकते है।

अभी तक घोषित नहीं कंटेंटमेंट जोन

राज्य सरकार के कंटेंटमेंट जोन में लॉकडाउन बनाने के आदेश के बावजूद अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कंटेंटमेंट जोन को लेकर कोई सूची भी जारी नहीं की गई है। इस पर कलेक्टर नेहरा का कहना है कि शहर में माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाए गए हैं। जिन घर में कोरोना पॉजिटिव आया है उसी ही घर को केवल पाबंद किया गया है।

सूची आना बाकी है

अतिरिक्त जिला कलेक्टर दक्षिण शंकर लाल सैनी ने बताया कि अभी तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी और इंसिडेंट कमांडर्स से कंटेंटमेंट जोन को लेकर सूची नहीं मिली है। उन्हें जल्द ही देने के लिए कहा गया है।