सरकार के वरिष्ठ आईएएस अफसरों का कहना है कि ऐसी स्थिति में सरकार की योजनाओं के समय पर पूरे होने पर ही संशय हो रहा है। क्योंकि अतिरिक्त प्रभार वाले विभाग में अधिकारी ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं भले ही उन विभागों में कोई भी महत्वपूवर्ण योजना चल रही हो।
सरकार से जुडे सूत्रों का कहना है कि उच्च स्तर पर अफसरों की कमी के कारण योजनाओं को समय पर पूरा करने की गति कम होगी और उनका समय पर पूरा होना संभव नहीं है। जनता से सीधे जुडे विभागों में फुल टाइम अधिकारी होना जरूरी है लेकिन प्रदेश में बीते पांच साल से ऐसा नहीं हो रहा है। क्योंकि अफसर लगातार सेवानिवृत हो रहे हैं और उनकी जगह निचले स्तर पर पदोन्नतियां कम हो रही है। ऐसी स्थिति में अब आने वाले पांच साल तक सरकार को गुड गर्वनेंस को बनाया रखना इतना आसान नहीं होगा।