राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि इस कानून को कोई भी प्रदेश स्वीकार नहीं करे।
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल और पंजाब के बाद अब राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सरकार भी संशोधित नागरिकता कानून लागू करने से पीछे हटती दिख रही है। इन चार प्रदेशों में कांग्रेस सत्ता में है और पार्टी लोकसभा व राज्यसभा में कह चुकी है कि हम इसे लागू नहीं होने देंगे।
दिल्ली में शनिवार को प्रस्तावित रैली से पहले कांग्रेस नेताओं ने नए कानून को लेकर अपने तेवर जाहिर कर दिए हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि इस कानून को कोई भी प्रदेश स्वीकार नहीं करे। उन्होंने कहा कि देश महंगाई से त्रस्त है। अर्थव्यवस्था बदहाल है। भाजपा नेताओं पर बलात्कार जैसे आरोप लगे हुए हैं। इन मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए भाजपा यह कानून लाई है।
ये भी बोले गहलोत
-कैप्टन अमरिंदर सिंह इस कानून को लागू करने से साफ इनकार कर चुके हैं।
पूर्वोत्तर का शेष भारत से संपर्क कट गया है। लोग अपने परिजनों का हालचाल नहीं ले पा रहे हंै।
मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए केंद्र ने आनन-फानन में विधेयक लोकसभा और राज्यसभा से पारित कराया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का मुकाबला करने की क्षमता राहुल गांधी में है।
राहुल के 'रेप इन इंडियाÓ के बयान पर कहा कि बेरोजगारी, महिलाओं के साथ बढ़ रहे अत्याचार, त्रुटिपूर्ण जीएसटी, गिरती अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा नेता हंगामा कर रहे हैं।
अहमद पटेल और पांडे से की गहलोत ने चर्चा
मुख्यमंत्री गहलोत और प्रभारी अविनाश पांडे ने रामलीला मैदान जाकर स्थिति का जायजा लिया। इससे पहले कांग्रेस मुख्यालय में गहलोत ने अहमद पटेल और पांडे के साथ बैठक कर रैली पर चर्चा भी की।
किसने क्या कहा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, इस मुद्दे पर कांग्रेस ने जो भी रुख अपनाया है, हम उसका पालन करेंगे।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा कि वे कांग्रेस के निर्णय के साथ हैं। यह विधेयक असंवैधानिक है।
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि हमारी सरकार भी केंद्रीय नेतृत्त्व के फैसले को मानेगी।