
संतोष देवी खेदड़। फोटो पत्रिका
National Farmers Day 2025 : राजस्थान में भी आज राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जा रहा है। देश के 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की याद में किसान दिवस मनाया जाता है। आज 23 दिसंबर के दिन चौधरी चरण सिंह की जयंती होती है। किसान दिवस के अवसर पर सभी किसान की बातें करते हैं। पर महिला किसान की उपयोगिता पर कम बातें की जाती है। लोकसभा की रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा वक्त में राजस्थान में 24.18 लाख महिला किसान हैं।
इस अवसर पर आज हम राजस्थान की एक महिला किसान के बारे में बताते हैं, जिसने रेगिस्तान में अनार, सेब व अन्य फलों की फसल उगा कर अपने हालात बदल दिए। राजस्थान की ये महिला किसान अन्य दूसरी महिलाओं के लिए जहां मिसाल बनी वहीं कईयों की रोल मॉडल भी बनी। आइए जानें संतोष देवी खेदड़ के बारे में।
सीकर जिले के गांव बेरी की संतोष देवी खेदड़ का विवाह 1990 में रामकरण से हुआ। होमगार्ड पति के वेतन से घर चलाना नामुमकिन हो गया था। हालात बदलने के लिए संतोष देवी के मन में उधड़बुन शुरू हो गई। संतोष ने नवाचारी बागवानी करने की योजना बनाई।
इसके लिए उसने अपनी इकलौती भैंस को 20 हजार रुपए में बेचने के अलावा एक लाख रुपए का कर्ज लिया। फिर नलकूप लगाकर उद्यान विभाग से सिंदूरी अनार के 220 पौध लिए। बिजली नहीं होने पर जनरेटर लेकर उसके लिए कई किमी दूर से केरोसिन का केन तक लेकर आती। तीन साल की मशक्कत के बाद संतोष को 2011 में पहली पैदावार से तीन लाख, 2012 में पांच लाख रुपए सालाना आय हुई। यह आय लगातार बढ़ते-बढ़ते अब 30 लाख तक पहुंच गई।
संतोष के कदम यहीं नहीं रुके। 2013 में गांव में शेखावाटी कृषि फार्म व उद्यान नर्सरी रिसर्च सेंटर की शुरूआत की। पति रामकरण और संतोष ने अपने अनुभव के आधार पर शोध शुरू किया। जिसके बाद जैविक खाद तैयार कर संतोष ने संदूरी अनार, कागजी नींबू, अमरूद, आम, चीकू, थाई बेर गोला, थाई बेर रेड, बीलपत्र, किन्नू, पपीता, मौसमी, ड्रेगन फ्रूट व नागपुरी संतरे की पौध भी तैयार करना शुरू कर दिया।
बात यहीं नहीं रुकी रेगिस्तान की जमीन पर 50 डिग्री तापमान में संतोष ने हिमाचल का हरमन सेब भी तैयार किया। 2015 में संतोष देवी ने 1.25 एकड़ के खेत में 100 सेब के पेड़ लगाए थे। राजस्थान में सेब की खेती करना बहुत मुश्किल था, क्योंकि सेब ठंडे तापमान में उगाए जाते हैं। संतोष देवी ने बताया कि वह एक खास किस्म के सेब उगाती है। यह अधिक तापमान में ही उगाया जाता है। इसे HRMNN 99 किस्म का सेब कहा जाता है।
संतोष के अनुसार शेखावाटी फार्म हाउस व रिसर्च केंद्र में ही अनार, सेब की पैकिंग की जाती है। राजस्थान सहित देश के कई प्रदेशों में अनार की सप्लाई की जाती है। एक अनुमान के अनुसार संतोष की कमाई लाखों में है। इसके साथ ही देशभर के कृषि वैज्ञानिक भी अक्सर उनके फार्म हाउस पर आते हैं और शोध करते हैं। मां की सफलता में अब बेटा भी साथ देता है।
Updated on:
23 Dec 2025 03:04 pm
Published on:
23 Dec 2025 03:00 pm
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