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कल से जगतपुरा आरटीओ ऑफिस में होगा भौतिक सत्यापन,वैध दस्तावेज नहीं मिले तो आरसी निरस्त

जयपुर आरटीओ प्रथम राजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि ब्लैक लिस्ट करने के बाद जगतपुरा आरटीओ कार्यालय में 24, 25 और 26 दिसंबर को अनिवार्य फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा।

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जयपुर

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Vijay Sharma

Dec 23, 2025

थ्री डिजिट के वीआइपी नंबरों में फर्जीवाड़े का मामला

जयपुर। परिवहन विभाग में थ्री डिजिट के वीआइपी नंबरों के फर्जीवाड़े में एक्शन शुरू हो गया है। राजस्थान में पहली बार जयपुर आरटीओ प्रथम की ओर से कार्यवाही शुरू की गई है। जयपुर में फर्जी तरीके से बेचे गए 2129 वाहन नंबरों के मामले में वाहन स्वामियों को नोटिस जारी कर दिए हैं। इतना ही नहीं, सभी वाहनों की आरसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। अब सभी वाहनों के दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। वैध दस्तावेज मिलने पर ही आरसी को बहाल किया जाएगा। अगर दस्तावेज अवैध पाए गए तो आरसी निरस्त कर दी जाएगी। इतना ही नहीं, वाहन स्वामियों के खिलाफ मामले दर्ज करवाए जाएंगे।

तीन दिन जगतपुरा में होगी जांच
जयपुर आरटीओ प्रथम राजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि ब्लैक लिस्ट करने के बाद जगतपुरा आरटीओ कार्यालय में 24, 25 और 26 दिसंबर को अनिवार्य फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेशभर में करीब 10 हजार वाहनों में फर्जी बैकलॉग करने का मामला सामने आया था। इससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व नुकसान का अनुमान है।

-- इन सीरीज के नंबरों की आरसी ब्लैक लिस्ट
--RJA, RJI, RIQ, RJY, RNH, RNQ, RPA, RPM, RRF, KRR,
RSG, RSQ, RJB, RJJ, RJR, RJZ, RNI, RNR, RPC, RPX, RRG,
RRX, RSH, RSR, RJC, RJK, RJS, RNA, RNJ, RNT, RPE,
RPZ, RRJ, RRY, RSJ, RSS, RJD, RJL, RJT, RNB, RNK,
RNV, RPF, RRA, RRK, RRZ, RSK, RSY, RJE, RJM, RJU, RJN,
RJV, RNC, RNL, RNW, RPH, RRB, RRL, RSB,
RSL, RSZ, RJF, RJO, RJW, RND, RNM, RNX,
RPI, RRC, RRM, RSD, RSM, RJG, RIP,
RJX, RNF, RNN, RNY, RPJ, RRD, RKN, RSE,
RSN, RJH, RNE, RNO, RNZ, RPK, RRE,
RRO, RSF, RSO

---पत्रिका ने किया मामला उजागर, 450 कार्मिक दोषी

गौरतलब है कि परिवहन विभाग में चर्चित थ्री डिजिट नंबरों का फर्जीवाड़ा राजस्थान पत्रिका ने उजागर किया था। परिवहन विभाग,ईडी और एसीबी की ओर से अलग-अलग कार्यवाही की जा रही है। इसमें राज्य के करीब 450 अफसर और कार्मिकों को दोषी पाया गया है। इस पूरे फर्जीवाड़े में सरकार को 500 से 600 करोड़ रूपए की राजस्व हानि का होना भी पाया है।