प्रभावित कर्मचारियों ने गुरुवार को मुख्यालय श्रम भवन पर धरना देकर अनशन शुरू कर दिया। पीड़ित कर्मचारियों ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा को ज्ञापन दिया है। गुरुवार को कर्मचारियों ने बीजेपी कार्यालय में प्रदेश महामंत्री मुकेश दाधीच से भी मुलाकात की। महामंत्री ने आश्वासन दिया कि किसी की भी नौकरी नहीं जाएगी।
इधर, कौशल प्रशिक्षण अटके
श्रम विभाग की तरह राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) में भी अधीनस्थ कार्मिकों की गलती का खमियाजा युवाओं को उठाना पड़ रहा है। राज्यभर में कौशल केन्द्रों पर प्रशिक्षण अटका हुआ है। दरअसल, अधिकारियों ने तो युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए संस्थाओं को अतिरिक्त टारगेट दिए। लेकिन निगम के अधीनस्थ कर्मचारियों ने पूरी प्रक्रिया में देरी कर दी। इससे संस्थाओं के अनुबंध खत्म हो गए। स्कीम अधिकारी की गलती का खमियाजा प्रदेश के हजारों युवाओं को उठाना पड़ रहा है।