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अगर फट जाता यहां रखा ये बम तो और भयानक होता जयपुर का मंजर

जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट ( Jaipur Serial Blast 13 May 2008 ) के मामले पर आज फैसला सुनाया जाना है। विशेष न्यायालय जयपुर बम विस्फोट ( 2008 Jaipur bomb blasts ) में पांचों आरोपियों को पेश किया जाएगा...

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जयपुर

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Dinesh Saini

Dec 18, 2019

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जयपुर। जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट ( Jaipur Serial Blast 13 May 2008 ) के मामले पर आज फैसला सुनाया जाना है। विशेष न्यायालय जयपुर बम विस्फोट ( 2008 Jaipur Bomb Blasts ) में पांचों आरोपियों को पेश किया जाएगा। इस आतंकी घटना में 71 लोगों की मौत हुई थी, 185 लोग घायल हुए थे। मामले में लखनऊ और दिल्ली से कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। घटना के 11 साल 7 महीने और 5 दिन बाद अब मामले पर विशेष न्यायालय से फैसला आने वाला है। इस बीच 5 न्यायाधीशों ने सुनवाई की और 4 विशेष लोक अभियोजकों ने जयपुर का पक्ष रखा। न्यायालय में कुल 1293 गवाह पेश किए गए।

यहां रखा था सबसे शक्तिशाली बम
चांदपोल बाजार में हनुमान जी मंदिर के पास हुआ विस्फोट सीरियल विस्फोट के बीच का था। पुलिस कुछ समझ पाती, उससे पहले ही आधे घंटे में परकोटे में छह स्थानों पर हुए आठ धमाकों से पूरा परकोटा थर्रा उठा था। हनुमान जी मंदिर के पास साइकिल में हुए बम धमाके के बाद वहां भगदड़ मच गई। हर कोई विस्फोट से दूर चला जाना चाहता था। खून से लथपथ लोगों को मंदिर परसिर में ले जाया गया। वहां सारे फर्श पर खून ही खून हो गया। मंदिर में तब आरती के बाद प्रसाद वितरित किया जा रहा था। करीब आधे घंटे में पूरे चांदपाल बाजार को खाली करा लिया गया। मंदिर के पास साइकिल में विस्फोट हुआ था। बम निरोधक दस्ते ने अग्रवाल सेवा सदन के पास से साइकिल पर बम होने की जानकारी बम तलाशने की वाली मशीन से लगी तो जिंदा बम मिलने के बाद तत्काल आसपास के इलाके को खाली करा दिया गया। जिंदा बम देखकर लोगों की सांसें थम सी गईं।

नौ बजे फटने का टाइम था सेट
बम निरोधक दस्ते को जब पता चला कि बम में नौ बजे का टाइम सेट किया हुआ है तो एकबारगी सबकी सांसें फूल गई। जब पुलिस को बम मिला, उस समय 8 बजकर दस मिनट हो गए थे। बीडीएस के पास बम को निष्क्रिय करने के लिए केवल पचास मिनट का समय था। पुलिस बार-बार लोगों को दूर भगा रही थी। टीम ने 8 बजकर चालीस मिनट पर बम को निष्क्रिय कर दिया।

स्कूल बैग में था बम
बीडीएस टीम को साइकिल पर स्कूल बैग में 8 किलो वजनी बम मिला था। इस आधार पर पुलिस की संभावनाएं जता रही है कि बम स्कूल बैग में ही रखें गए थे। बीडीएस को बम में टाइमर तथा डेटोनेटर लगा हुआ मिला था। बम हस्त निर्मित था। इसमें साइकिल के छर्रें, लोहे की छोटी प्लेटें, बारूद तथा अन्य विस्फोटक चीजें मिली थी। बीडीएस बम विस्फोट में शामिल सबसे ज्यादा शक्तिशाली बम इसी को मान रही थी। बताया जा रहा है कि अगर यह बम फट जाता तो जयपुर का मंजर और भी भयानक हो सकता था।

11 को रैकी और 13 को दहला दिया
बम धमाकों के अगले दिन 14 मई को धमाकों की जिम्मेदारी का एक ई-मेल इंडियन मुजाहिद्दीन के नाम से जारी हुआ था। तफ्तीश में सामने आया कि उत्तरप्रदेश के साहिबाबाद स्थित एक कम्प्यूटर जॉब वर्क की दुकान से यह जारी हुआ था। तीन महीनों की तफ्तीश के बाद 25 अगस्त 2008 को शहबाज हुसैन को यूपी पुलिस ने पकड़ा। इसके बाद 19-09-2008 को बटला हाउस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद सैफ को पकड़ा था। इसके बाद अन्य आरोपियों का पता चला।