परिवहन विभाग राज्य में सार्वजनिक परिवहन के साधनों (बस, टैक्सी आदि) में जीपीएस व पैनिक बटन लगाने जा रहा है। वाहन लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) के तहत जीपीएस व पैनिक बटन लगाए जाने हैं। इसके लिए परिवहन विभाग ने वीएलटीडी निर्माता व रेट्रो फिटमेंट सेंटर्स के एम्पेनलमेंट व रजिस्ट्रेशन का ड्राफ्ट तैयार कर जनता से सुझाव मांगे हैं।
परिवहन विभाग राज्य में सार्वजनिक परिवहन के साधनों (बस, टैक्सी आदि) में जीपीएस व पैनिक बटन लगाने जा रहा है। वाहन लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) के तहत जीपीएस व पैनिक बटन लगाए जाने हैं। इसके लिए परिवहन विभाग ने वीएलटीडी निर्माता व रेट्रो फिटमेंट सेंटर्स के एम्पेनलमेंट व रजिस्ट्रेशन का ड्राफ्ट तैयार कर जनता से सुझाव मांगे हैं। सुझाव लिए जाने के बाद अंतिम नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इसके बाद वीएलटीडी सिस्टम लगाने वाली कम्पनियों से आवेदन मांगे जाएंगे। उन्हें वाहनों में वीएलटीडी लगाने के लिए अधिकृत किया जाएगा। निजी वाहन संचालक अधिकृत कम्पनियों से सिस्टम लगा सकेंगे।
जानकारी के अनुसार वीएलटीडी सिस्टम लगाने की शुरुआत बसों से की जाएगी। पहले चरण में बसों में डिवाइस लगाए जाने के बाद दूसरे चरण में अन्य वाहनों में भी लगाया जाएगा। वीएलटीडी सिस्टम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने तीन वर्ष पहले ही आदेश दे दिए थे मगर राज्य में यह अब तक लागू नहीं हो पाया। वीएलटीडी लगने से बसों की रियल टाइम ट्रैकिंग हो सकेगी। यदि कोई बस तय रूट से इतर किसी अन्य मार्ग पर चलेगी तो विभाग जुर्माना वसूलेगा। इस सिस्टम से वाहन की स्पीड का भी पता लगाया जा सकेगा। वाहन के रूट के साथ ही ओवरस्पीडिंग पर भी लगाम लगेगी। वाहन चोरियां रुकेंगी। चोरी पर रियल टाइम में वाहन की ट्रैकिंग कर सकेंगे।
एम्बुलेंस में लगाए लोकेशन ट्रैकर
वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए परिवहन विभाग ने कोरोना काल में एम्बुलेंस में रियल टाइम लोकेशन ट्रेकर लगाए थे। इसके लिए विभाग ने पुलिस सर्वर की मदद ली। एम्बुलेंस में एएसआइ 140 मानक के लोकेशन ट्रेकर लगाए गए। अभियान चलाकर जिले की लगभग सभी एम्बुलेंस में इन्हें लगाया गया। मगर परिवहन विभाग अभी तक मॉनिटरिंग का सिस्टम विकसित नहीं कर पाया।