सर्दी में पारा जमाव बिंदू पर पहुंचने पर नष्ट हो रही सब्जियां और फसल
जयपुरPublished: Dec 29, 2019 10:21:50 am
वहीं सीमावर्ती इलाकों में टिड्डियों के अटैक से परेशान हुए किसान
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जयपुर
प्रदेश में इन दिनों किसान काफी समस्याओं से जूझ रहा हैं। जयपुर शहर के चौमूं,कालवाड़ सहित प्रदेश के सभी जिलों में किसान भी इन दिनों सर्दी की मार झेल रहा हैं। सर्दी में पारा जमाव बिंदू पर पहुंच जाने के कारण पाला पड़ गया हैं। जिस कारण से किसानों की खेत में उगी फसल गलकर नष्ट हो गई हैं। जयपुर शहर के आसपास के गांवों सहित प्रदेश के सभी जिलों में खेतों में फसल खराब हो रही हैं। सर्दी से सब्जियाें की फसल के साथ ही फलदार पाैधे और भारी संख्या में वनस्पति गल गई। सब्जियों में मटर, टमाटर, मैथी की फसल पर असर पड़ा है। जो पाला पड़ने से गल गई। वहीं सरसों की फसल को भी नुकसान पहुंचा हैं। इसके अलावा गेंहूं की फसल को भी नुकसान हो रहा हैं।
पाइप में जम गई बर्फ
कृषि विशेषज्ञ फसलों को पाले से बचाने के लिए सिंचाई करने की सलाह देते हैं। लेकिन किसान इस सर्दी में सिंचाई भी नहीं कर पा रहे हैं। आसपास के गांवों के किसानों का कहना है कि पाइपों में पानी जमने से सिंचाई नहीं हो पा रही है। किसान मनीष ने बताया कि सुबह फव्वारा चलाने की कोशिश की लेकिन पानी नहीं आया। फव्वारा पाइप को खोलकर देखा तो उसमें बर्फ जमी थी। ऐसे में फसलों पर दोहरी मार पड़ रही है। किसान बताते है कि सुबह और देर रात को फसलों पर बर्फ जम जाती है। इससे रबी की फसलों को नुकसान हो रहा हैं। तापमान जमाव बिंदू की ओर चले जाने से किसान फसलों को लेकर चिंतित हैं। जब भी पारा चार डिग्री से नीचे की ओर जाता है तो यह किसानों के लिए चिंता पैदा कर देता हैं। क्योकि पौधों पर बर्फ जम जाने से खेतों में फसल नष्ट हो रही है। यदि यही हाल रहा तो किसानों का काफी नुकसान हाे जाएगा।
सर्दी के बाद टिड्डियां तोड़ रही कमर
किसानों के लिए सिर्फ सर्दी ही नहीं बल्कि इन दिनों टिड्डियां भी मुसीबत बनी हुई हैं। पाकिस्तान से आए टिड्डियों के दल ने सीमावर्ती इलाकों के आसपास के खेतों में फसलों को नष्ट कर दिया हैं। बाड़मेर जैसलमेर के बाद अब कोटा,सिरोही में भी टिड्डियों का दल पहुंच गया हैं। जो यहां पर फसलों को जमकर नुकसान पहुंचा रही हैं। हालांकि सरकार और किसान टिड्डियों से फसल के बचाव के लिए खेतों के चारों तरफ आग जलाकर, ढोल, कनस्तर,थाली बजाकर टिड्डियों को भगाने का प्रयास कर रहे है लेकिन टिड्डियों को रोक नहीं पा रहे हैं। वहीं दवाईयां छिड़क कर लाखों की संख्या में टिड्डियों को मारा गया है लेकिन फिर भी यह कहर बरपा रही हैं।