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Devshayani Ekadashi 2024 : देवशयनी एकादशी के दिन पीपल में जल अर्पित करने से मिलेंगे कई लाभ, जानें क्या है तिथि, शुभ महूर्त और महत्व

Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को है। हिंदू धर्म के अनुसार मान्यता है कि देवशयनी एकादशी के दिन भगवान श्री हरि नारायण विष्णु शयन करते हैं।

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जयपुर

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Kirti Verma

Jul 09, 2024

Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को है। हिंदू धर्म के अनुसार मान्यता है कि देवशयनी एकादशी के दिन भगवान श्री हरि नारायण विष्णु शयन करते हैं। भगवान विष्णु के शयन करने के कारण सभी तरह के मांगलिक कार्य 4 माह के लिए बंद हो जाएंगे। वहीं इस बार 11 नवंबर को देवउठनी एकादशी से देव उठ जाएंगे।

पंडित हर्ष शर्मा के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगी और 12 नवंबर को संध्याकाल 04 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इसके अगले दिन तुलसी विवाह है। व्रती तुलसी विवाह 13 नवंबर को सुबह 06 बजकर 42 मिनट से लेकर 08 बजकर 51 मिनट तक व्रत खोल सकते हैं।

देवशयनी एकादशीका महत्व
हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन देवशयनी एकादशी मनाई जाती है, जो कि कार्तिक शुक्ल एकादशी यानी 4 माह तक श्री विष्णु का शयनकाल माना जाता है। मान्यता है कि देवशयनी या हरिशयनी एकादशी का व्रत करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। इस एकादशी के दिन पीपल में जल अर्पित करना चहिए तथा भगवान विष्णु को शयन कराने के पूर्व खीर, पीले फल और पीले रंग की मिठाई का भोग अवश्य ही लगाना चहिए। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी हरिशयनी एकादशी भी कहते हैं। इस दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं होते हैं, क्योंकि यह समय चातुर्मास का होता है।

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व्यवसाय पर पड़ेगा असर
देवशयनी एकादशी के कारण विवाह आदि मांगलिक कार्य पर विराम लग जाने के कारण बाजार में व्यवसाय पर भी इसका असर रहेगा। ऑनलाइन कारोबार की तेजी के कारण बाजार में अपेक्षाकृत मंदी की मार झेल रहा है, मांगलिक कार्य बंद होने से इन चार माह में बाजार में ग्राहकी अपेक्षाकृत और कम हो जाएगी। इसी दौरान बाबा रामदेव तथा सालासर बालाजी की पैदल यात्रा के दौरान भी मंदा का असर रहेगा। इसके अलावा विवाह शादी आदि मांगलिक कार्य की खरीदारी नहीं होने के कारण ज्यादा मात्रा में सामान लेनें वाले, कूलर फ्रिज पंखा एसी एलईडी,कपड़े, ज्वेलरी आदि उपहार देने के लिए खरीदारी नहीं होगी। जिससे व्यापार प्रभावित होगा। हालांकि नवरात्र में मांगलिक कार्य होंगे तो बाजार में कुछ तेजी देखने को मिलेंगी। पंडित हर्ष शर्मा ने बताया कि वर्ष भर में नवरात्र ,आखा तीज कुछ अबूझ मुहूर्त होते हैं। जिनमें सभी प्रकार के मांगलिक कार्य बिना किसी पूछताछ के किए जा सकते हैं।

यह रहे प्रमुख त्योहार
त्योहार 2024 की तिथि 2023 की तिथि
रक्षाबंधन 19 अगस्त 30 अगस्त
जन्माष्टमी 26 अगस्त 7 सितंबर
गणेश चतुर्थी 7 सितम्बर 19 सितंबर
शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर 15 अक्टूबर
दशहरा 12 अक्टूबर 24 अक्टूबर
दीपावली 01 नवंबर 12 नवंबर

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देवशयन काल 118 दिन का, पिछली बार की अपेक्षा 11 दिन जल्दी आ रहे त्योहार
इस बार 17 जुलाई से देवशयन काल शुरू हो रहा है जो 118 दिन बाद तक चलेगा। हालांकि पिछली बार सावन अधिकमास का होने के कारण 148 दिन चला था। इस बार पिछले बार की अपेक्षा सभी त्योहार लगभग 11 दिन जल्दी आ रहे है।