चंबल परियोजना से इस वर्ष घना को मात्र 62.5 एमसीएफटी पानी ही मिलेगा, जो ऊंट के मुंह जीरा के बराबर है। हालांकि, पानी की यह सीमा गत वर्ष ही शुरू होनी थी लेकिन कमजोर मानसून के कारण गत वर्ष चंबल लिफ्ट से 125 एससीएफटी पानी अतिरिक्त छोड़ा गया था। ज्ञात रहे कि धौलपुर से गुजर रही चंबल नदी के पानी को भरतपुर भेजने की चंबल लिफ्टपरियोजना को सुप्रीम कोर्टने केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पानी के संकट को देखते हुए स्वीकृति दी थी। धौलपुर में चंबल का क्षेत्र घडियाल सेंचुरी में आता है। इसी के तहत चंबल लिफ्ट परियोजना से प्रथम तीन वर्ष घना को 310 एमसीएफटी और चौथे वर्ष से 62.5 एमसीएफटी पानी छोडऩा तय हुआ था।