
राजस्थान में दुर्लभ खनिजों की खोज, खनन और उत्पादों निर्माण को बढ़ावा देने को लेकर राज्य में रेयर अर्थ एलीमेंट (आरईई) एक्सीलेंस सेंटर स्थापित किया जाएगा। इसके जरिए दुर्लभ खनिजों की बड़े स्तर पर खोज, शोध, अध्ययन व देश दुनिया की आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे जुड़े उत्पादों के लिए उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए खान विभाग खनन शोध व अध्ययन से जुडी देश की तमाम संस्थाओं, शिक्षण संस्थाओं और विशेषज्ञों से चर्चा कर रहा है।
खान सचिव आनन्दी ने मंगलवार को देश की कई संस्थाओं के विशेषज्ञों से वर्चुअली संवाद किया। उन्होंने बताया कि राजस्थान के बाड़मेर, जालौर, सिरोही, पाली, उदयपुर, भीलवाड़ा, नागौर, अजमेर, जयपुर के नीमकाथाना, राजसमंद, सीकर, बांसवाड़ा जिलों में दुर्लभ खनिज के भण्डार मिलने के प्रारंभिक संकेत मिल चुके हैं। प्रदेश के इन क्षेत्रों में कार्बोनेटाइट्स व माइक्रोग्रेनाइट चट्टानों में बस्तनासाइट, ब्रिटोलाइट, सिंचीसाइट और जेनोटाइम रेयर अर्थ एलिमेंट्स के भण्डार होने की पुष्टि हुई है।
इस बैठक में खान निदेशक भगवती प्रसाद कलाल के अलावा जीएसआई, इण्डियन रेयर अर्थ लि. मुंबई, सीएसआईआर, रामगढ़ मिनरल माइनिंग बैंगलोर, एटोमिक मिनरल, एमईसीएल, कोल इंडिया, आईएमएमटी भुवनेश्वर, एनएमएल जमशेदपुर, सीआईएमएफआर धनवाद, रेयर अर्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया तिरुपति, एनएमडीसी हैदराबाद के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिए।
इन खनिजों का इस्तेमाल एयरोस्पेस से लेकर बैटरी, लेजर बेटरी सहित विभिन्न उद्योग की स्थापना, निवेश, रोजगार, तकनीकी विकास के अवसर विकसित होंगे। दुर्लभ खनिजों की खोज से देश की चीन पर 95 प्रतिशत निर्भरता कम होगी और देश में ही कच्चे माल की प्रोसेसिंग से लेकर प्रसंस्करण तक का कार्य हो सकेगा।
Updated on:
14 Aug 2024 11:02 am
Published on:
14 Aug 2024 08:40 am
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