दीपोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को रूप चौदस का पर्व मनाया जा रहा है। ख़ास बात ये है कि इस दिन महिलाएं रूप निखार कर सोलह श्रृंगार करती हैं। राजधानी जयपुर समेत लगभग पूरे प्रदेश में रूप चौदस का दिन परम्परागत हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। रूप चौदस के दिन ख़ास तौर पर पार्लर्स में दिन भर महिलाओं की भारी भीड़ उमडऩे का अनुमान रहता है। लेडीज़ सजने-संवरने के लिए पार्लर्स जातीं हैं। इसे छोटी दिवाली, नर्क चतुर्दशी और काली चतुर्दशी भी कहते है. इसे छोटी दिवाली इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह दिवाली से ठीक एक दिन पहले आती है और इस दिन भी दिवाली की तरह दीप जलाये जाते है। रूप चौदस या नर्क चतुर्दशी कार्तिक मॉस की चौदस को मनाई जाती है। कहते है की अगर इस दिन सही तरीके और विधि-विधान से पूजा की जाए तो सारे पापों से छुटकारा मिल जाता है। इस दिन भी रात को दीपक जलाये जाते है और यह दीपावली के पांच दिनों में मध्य का त्यौहार है।