असम से लगातार 5 बार सांसद रहे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ( Dr. Manmohan Singh ) अब राजस्थान ( Rajasthan ) से अपनी नई सियासी पारी खेलने जा रहे हैं। डॉ सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा सीट ( Rajya Sabha Seat ) के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया। जानकारी के अनुसार डॉ सिंह ने नामांकन के चार सेट दाखिल किये। तय चुनावी कार्यक्रम के अनुसार राज्यसभा चुनाव 26 अगस्त को होने हैं। इधर, भाजपा डॉ मनमोहन सिंह के सामने कोई प्रतिद्वंदी उतारती है या नहीं इस बारे में कोई आधिकारिक फैसला फिलहाल नहीं लिया गया है। यदि भाजपा का कोई उम्मीदवार नहीं उतारा जाता तो ऐसे में डॉ मनमोहन सिंह निर्विरोध चुनकर राज्यसभा जाएंगे।
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री सुबह जयपुर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने उनकी आगवानी की। एयरपोर्ट से निकलकर वे सीधे जवाहर सर्किल के पास स्थित एक होटल में पहुंचे। फिर दोपहर बाद नामांकन दाखिल करने के लिए विधानसभा पहुंचे।
ऐसे चली नामांकन प्रक्रिया
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। डॉ सिंह ने विधानसभा में निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपना नामांकन पत्र भरा। उन्होंने नामांकन पत्र के चार सेट दाखिल किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा सहित अन्य कई मंत्री तथा सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी एवं उपसचेतक महेन्द्र चौधरी मौजूद थे।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। डॉ सिंह ने विधानसभा में निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपना नामांकन पत्र भरा। उन्होंने नामांकन पत्र के चार सेट दाखिल किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा सहित अन्य कई मंत्री तथा सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी एवं उपसचेतक महेन्द्र चौधरी मौजूद थे।
बसपा विधायकों का मिला समर्थन
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एवं निर्दलीय विधायकों ने भी डॉ मनमोहन सिंह के नाम का समर्थन किया। इस मौके विधायक राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, लाखन सिंह सहित अन्य बसपा विधायकों ने डॉ सिंह से मुलाकात की और उनका आभार जताया।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एवं निर्दलीय विधायकों ने भी डॉ मनमोहन सिंह के नाम का समर्थन किया। इस मौके विधायक राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, लाखन सिंह सहित अन्य बसपा विधायकों ने डॉ सिंह से मुलाकात की और उनका आभार जताया।
पांच बार रह चुके राज्यसभा
डॉ मनमोहन सिंह का राज्यसभा कार्यकाल गत 14 जून को समाप्त हो गया था। कांग्रेस ने उन्हें इस बार राजस्थान से राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार बनाया। वह वर्ष 1991 से अब तक पांच बार राज्यसभा के लिए चुने जा चुके है। उन्होंने एक बार लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन सफल नहीं हुए।
डॉ मनमोहन सिंह का राज्यसभा कार्यकाल गत 14 जून को समाप्त हो गया था। कांग्रेस ने उन्हें इस बार राजस्थान से राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार बनाया। वह वर्ष 1991 से अब तक पांच बार राज्यसभा के लिए चुने जा चुके है। उन्होंने एक बार लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन सफल नहीं हुए।
डॉ सिंह ने वर्ष 1999 में दक्षिण दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी विजय कुमार मल्होत्रा के सामने चुनाव हार गये। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह पहली बार राजस्थान से राज्यसभा चुनाव लड़ रहे है। उन्होंने इससे पहले असम से राज्यसभा के चुनाव लड़े।
राजस्थान में भाजपा के मदनलाल सैनी के निधन के बाद राज्यसभा सीट खाली हुई थी। इसके बाद इस पर उपचुनाव कराया जा रहा है, जिस पर भाजपा की तरफ से कोई उम्मीदवार खड़ा किया जाता है तो 26 अगस्त को चुनाव होगा। उपचुनाव के लिए 14 अगस्त तक नामांकन किया जा सकेगा जबकि 19 अगस्त नाम वापसी की आखिरी तारीख है।
इस चुनाव में कांग्रेस के पास अपने सौ विधायकों एवं एक राष्ट्रीय लोकदल के अलावा 12 निर्दलीय, छह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भारतीय आदिवासी पार्टी (बीटीपी) का भी समर्थन बताया जा रहा है। ऐसे में मनमोहन सिंह को राजस्थान से राज्यसभा भेजने में कोई अड़चन नहीं आती नजर आ रही है। भाजपा के पास फिलहाल 72 विधायक हैं।
भाजपा पसोपेश में
भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी खड़ा करने के संबंध में रुख स्पष्ट नहीं किया है। संख्या बल भाजपा के पास महज 72 है, जबकि जीत के लिए 100 विधायकों की आवश्यकता है। ऐसे में पार्टी केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का इंतजार कर रही है। कांग्रेस के पास जीत का आंकड़ा है। इसके अलावा 12 निर्दलीय, 6 बसपा और रालोद के एक विधायक भी कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं, ऐसे में सिंह की जीत तय मानी जा रही है।
भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी खड़ा करने के संबंध में रुख स्पष्ट नहीं किया है। संख्या बल भाजपा के पास महज 72 है, जबकि जीत के लिए 100 विधायकों की आवश्यकता है। ऐसे में पार्टी केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का इंतजार कर रही है। कांग्रेस के पास जीत का आंकड़ा है। इसके अलावा 12 निर्दलीय, 6 बसपा और रालोद के एक विधायक भी कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं, ऐसे में सिंह की जीत तय मानी जा रही है।
1997 से 2019 तक असम से राज्यसभा सदस्य
मनमोहन सिंह कुछ समय पहले राजस्थान विधानसभा में विधायकों के एक कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। इसके बाद से ही ये अटकलें शुरू हो गई थीं कि वह इस बार राजस्थान से ही राज्यसभा पहुंचेंगे। सिंह 1997 से 2019 तक असम से राज्यसभा सदस्य रहे हैं।
मनमोहन सिंह कुछ समय पहले राजस्थान विधानसभा में विधायकों के एक कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। इसके बाद से ही ये अटकलें शुरू हो गई थीं कि वह इस बार राजस्थान से ही राज्यसभा पहुंचेंगे। सिंह 1997 से 2019 तक असम से राज्यसभा सदस्य रहे हैं।
सिंह करीब तीन दशक से इस उच्च सदन के सदस्य रहे हैं। वह 1991 से 2019 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। राज्यसभा में उनका कार्यकाल 14 जून को खत्म हुआ। सिंह को फिर से इसलिए नामित नहीं किया जा सका, क्योंकि कांग्रेस असम में सत्ता में नहीं है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी।
14 महीने बाद राज्यसभा में खुल सकता है कांग्रेस का खाता
यह पहली बार हुआ है कि राज्यसभा के 10 सांसदों में से राजस्थान से एक भी राज्यसभा सांसद कांग्रेस का नहीं है। करीब 14 महीने पहले से कांग्रेस की यह स्थिति है। कांग्रेस को अप्रेल 2020 तक इंतजार करना था, लेकिन मदनलाल सैनी के निधन होने से कांग्रेस को अब आठ महीने पहले ही राज्यसभा में मौका मिल जाएगा।
यह पहली बार हुआ है कि राज्यसभा के 10 सांसदों में से राजस्थान से एक भी राज्यसभा सांसद कांग्रेस का नहीं है। करीब 14 महीने पहले से कांग्रेस की यह स्थिति है। कांग्रेस को अप्रेल 2020 तक इंतजार करना था, लेकिन मदनलाल सैनी के निधन होने से कांग्रेस को अब आठ महीने पहले ही राज्यसभा में मौका मिल जाएगा।