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पांच करोड़ का क्रिप्टो फ्रॉड बेनकाब, रकम को वाइट मनी में करते थे कन्वर्ट, मास्टरमाइंड समेत 3 अरेस्ट

Jaipur Crime News: जयपुर। जवाहर सर्कल थाना पुलिस करीब 5 करोड़ रुपए के क्रिप्टो करेंसी लेन-देन से जुड़े साइबर फ्रॉड के नेटवर्क का खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में साइबर ठगी के दो सरगना और एक खाता धारक को गिरफ्तार किया है।

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साइबर फ्रॉड के दो मास्टरमाइंड समेत 3 अरेस्ट, पत्रिका फोटो

साइबर फ्रॉड के दो मास्टरमाइंड समेत 3 अरेस्ट, पत्रिका फोटो

Jaipur Crime News: जयपुर। जवाहर सर्कल थाना पुलिस करीब 5 करोड़ रुपए के क्रिप्टो करेंसी लेन-देन से जुड़े साइबर फ्रॉड के नेटवर्क का खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में साइबर ठगी के दो सरगना और एक खाता धारक को गिरफ्तार किया है।
आरोपी ऑनलाइन ठगी से हासिल रकम को यूएसडीटी के जरिये वाइट मनी में कन्वर्ट करते थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक बैंक पासबुक, छह चेकबुक, चार एटीएम कार्ड, एक फर्जी सिम कार्ड और दो मोबाइल फोन जब्त किए हैं।

खुफिया सूचना पर घेराबंदी

डीसीपी (ईस्ट) संजीव नैन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी अनिल श्योराण (23) और अनुराग सिंह (22) निवासी जगतपुरा-रामनगरिया तथा शुभम गुप्ता (21) निवासी मुरादाबाद हैं। पुलिस को सूचना मिली थी कि वर्ल्ड ट्रेड पार्क के पीछे दो युवक खड़े होकर ऑनलाइन ठगी की गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और संदिग्धों से पूछताछ की, लेकिन वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। पुलिस ने अनिल और अनुराग के बैग की तलाशी ली, जिसमें बैंक पासबुक, चेकबुक और एटीएम कार्ड मिले।

बेरोजगारों को कमीशन का लालच देकर बैंक अकाउंट लेते

पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे बेरोजगारों को पैसे और कमीशन का लालच देकर उनके बैंक अकाउंट खरीदते थे। इसके बाद इन खातों का इस्तेमाल साइबर ठगी की रकम ट्रांसफर करने और यूएसडीटी के माध्यम से क्रिप्टो लेन-देन में किया जाता था।
पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन और वाट्सऐप चैट की जांच की, जिसमें सामने आया कि उनके इस्तेमाल किए गए कम से कम 19 बैंक खातों के खिलाफ ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायतें 1930 साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज हैं।

कई राज्यों में ठगी की वारदातें

इन खातों का उपयोग देश के अलग-अलग राज्यों में की गई साइबर ठगी की वारदात में हुआ है। मामले की कड़ियां मुरादाबाद से जुड़ने पर थाना प्रभारी के नेतृत्व में एक टीम को वहां भेजा गया, जहां से खाता धारक शुभम गुप्ता को पकड़ा गया। पूछताछ में शुभम ने बताया कि अनिल और अनुराग उसे जयपुर बुलाते थे। उसके बैंक खातों में लाखों रुपए क्रेडिट कराए जाते थे, जिन्हें बाद में निकालकर आपस में बराबर बांट लिया जाता था।