
जयपुर। प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं की जेब से फिर मोटी राशि निकालने की तैयारी है। यह रकम प्रतिभूति (सिक्यूरिटी) राशि के रूप में ली जाएगी, जिसके लिए डिस्कॉम ने उपभोक्ताओं को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। बिल के साथ नोटिस देख लोग परेशान हो रहे हैं। प्रदेशभर में ऐसे 36 लाख से ज्यादा उपभोक्ता बताए जा रहे हैं, जिनसे करीब 1500 करोड़ रुपए वसूलने का शुरुआती आकलन किया गया है। इसमें अकेले एक हजार करोड़ रुपए जयपुर डिस्कॉम के है। जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम की पूरी गणना बाकी है।
गंभीर यह है कि प्रतिभूति राशि की गणना दो माह की बिलिंग के आधार पर की गई हैं, जबकि जयपुर डिस्कॉम के 12 जिलों और जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम के कुछ एक सर्कल में हर माह बिल जारी किए जा रहे हैं। ऐसे में एक माह की बिल राशि के आधार पर ही गणना होती और उपभोक्ताओं की सिक्यूरिटी राशि आधी हो जाती। खुद को सही साबित करने के लिए बिजली कंपनियां, राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग की ओर से जारी रेगुलेशन की आड़ ले रही हैं।
उपभोक्ताओं को ब्याज देने का तर्क उपभोक्ता को जमा प्रतिभूति राशि पर ब्याज देने का तर्क दिया जा रहा है। डिस्कॉम बैंक रेट के आधार पर ब्याज की गणना करता है। साल में एक बार एक साथ ब्याज की गणना करते हैं और बिजली बिल कम कर देते हैं।
■ इसका हवाला : गणना पीछे टीसीओएस (सप्लाई के नियम व शर्तें) का हवाला दिया जा रहा है। इसमें दो माह के अनुसार गणना करना अंकित।
■ हकीकतः जब नियम प्रभावी हुए तब बिलिंग प्रक्रिया दो माह में हो रही थी। मतलब, उपभोक्ता को दो माह में विद्युत उपभोग के आधार पर बिल दिया जाता रहा। लेकिन अब स्पॉट बिलिंग शुरू हो चुकी है, जिसमें हर माह बिलिंग हो रही है। इसके बाद भी डिस्कॉम दो माह बिजली बिल के आधार पर प्रतिभूति राशि ले रहा है।
■ इससे बच रहे: बिजली कंपनियां चाहे तो राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग में संशोधन के लिए पीटिशन दाखिल कर सकता है, लेकिन इससे बच रही हैं।
बिजली वितरण कंपनियां हर उपभोक्ता से एडवांस राशि लेती है, जो प्रतिभूति राशि के रूप में होती है। इसके पीछे तर्क है कि यदि उपभोक्ता बिल जमा नहीं कराता है तो इस प्रतिभूति राशि में से बिल जमा कर लिया जाए।
Published on:
06 Jul 2024 09:44 am
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