जयपुर। राजधानी के पांच स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में रूपांतरित करने के बाद अभिभावकों का विरोध शुरू हुआ है। हिंदी माध्यम वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई पर संकट देखते हुए शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक से रिपोर्ट मांगी है।
डीईओ ने निदेशालय की ओर से मांगी गई छह बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कर भिजवा दी है।
राजस्थान पत्रिका में गुरुवार के अंक में अंग्रेजी माध्यम स्कूल चयन में मनमर्जी, शिक्षा पर संकट शीर्षक से समाचार प्रकशित किया था। इसमें राजधानी के झालाना कच्ची बस्ती स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक सोमेश्वरपुरी स्कूल, आमेर रोड स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय सीतारामपुरी, जयसिंहपुरा खोर स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय के बच्चों की पीड़ा को उजागर किया था। इसके अलावा नाहरी का नाका बालिका सीनियर सैकंडरी स्कूल में भी विरोध किया गया था।
इन बिंदुओं पर मांगी रिपोर्ट
—स्कूल में कितने विद्यार्थी पढ़ रहे हैं
कितनों ने अंग्रेजी माध्यम की सहमति दी
कितने बच्चे हिंदी माध्यम में पढ़ना चाहते हैं
सबसे नजदीक स्कूल कौनसा है
क्या दोनों माध्यमों में स्कूल चलाया जा सकता है
क्या स्कूल समिति ने दो माध्यमों की सहमति दी है
निदेशालय की ओर से रिपोर्ट मांगी गई थी। हमने चारों स्कूलों की रिपोर्ट भेज दी है। स्कूलों में अभिभावक और बच्चों की समस्या का समाधान उच्च अधिकारियों के निर्देश पर किया जाएगा।
राजेन्द्र शर्मा हंस, डीईओ माध्यमिक जयपुर