
35 लाख से भी ज्यादा आबादी वाले शहर जयपुर में इन दिनों कान का इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला है। शहर की गलियों से लेकर मुख्य चौराहों पर ये झोलाछाप कान से संबंधित कई रोगों को दूर करने का दावा करते हैं।
इनके औजारों से कान का पर्दा फटने का डर
इनके पास शीशियों में तेल और दवाइयां भी होती हैं। जिनका इस्तेमाल ये मनमर्जी से अपने ग्राहकों पर करते हैं। इतना ही नहीं इनके पास कई तरह की सलाइयां और सर्जिकल औजार भी मौजूद होते हैं। जिससे ये कान का मैल निकाल कर सफाई करते हैं ।
शहर में बेधड़क घूम रहे हैं कान के झोलाछाप डॉक्टर
केवल रामनिवास बाग में ही इस तरह का काम करने वाले करीब आठ दस लोग हैं , जो हर आने जाने वाले और पर्यटकों से पन्द्रह से बीस रुपये लेकर कान का मेल साफ करते हैं । इसके अलावा कान की खुश्की ओर दर्द जैसी बीमारियों का भी इलाज करने का दावा करते हैं।
इन झोलाछाप डॉक्टरों को रोकने टोकने वाला शहर में कोई भी नहीं है। कम पढ़े लिखे लोग और इन झोलाछापों की बातों में आकर अपना कान इनके हवाले कर देते हैं। जबकि डॉक्टरों के मुताबिक एक ही औजार को बिना साफ किए दूसरे पर इस्तेमाल करने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और मामूली चूक से कान का पर्दा भी फट सकता है।
खतरे से नही है खाली
इन लोगों से कान की सफाई करवाना और किसी भी तरह का इलाज खतरनाक है । इनके पास मौजूद औजारों से कान का पर्दा फट सकता है और स्किन कट सकती है।
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एक ही औजार को साफ किए बिना बार बार इस्तेमाल से इंफेक्शन फैल सकता है। किसी भी तरह की दवाओं का इस्तेमाल डॉक्टर के परामर्श के बिना खतरनाक साबित हो सकता है । - डॉ सुनीता अग्रवाल, प्रोफेसर - ईएनटी डिपार्टमेंट, एसएमएस हॉस्पिटल।
Published on:
19 Jul 2017 07:28 pm
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